Last Updated:March 18, 2025, 20:40 IST
भारतीय रेलवे यात्री किराए या माल भाड़े के बजाए दूसरे तरीके से मालामाल हो रहा है. पूर्वोत्तर रेलवे ने इसका तरीका ढूंढ़ निकाला है. यह तरीका पर्यावरण की दृष्टि से भी बेहतर है.सांकेतिक फोटोगोरखपुर. भारतीय रेलवे यात्री किराए या माल भाड़े के बजाए दूसरे तरीके से मालामाल हो रहा है. पूर्वोत्तर रेलवे ने इसका तरीका ढूंढ़ निकाला है. रेलवे के इस पहल से न केवल राजस्व में बढ़ोत्तरी हेा रही है, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर है. पूर्वोत्तर रेलवे के साथ अन्य जोन भी यह तरीका अपनाकर राजस्व में बढ़ोत्तरी कर रहे हैं. रेल किराए 2020 के बाद नहीं बढ़ाया गय है, स्वयं रेलमंत्री यह बात आज संसद में बोल चुके हैं.
रेलवे मंत्रालय के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे स्क्रैप( कबाड़) निस्तारण के क्षेत्र में निरन्तर उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रहा है. स्क्रैप निस्तारण से रेल राजस्व के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में रेल प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों को नई गति मिली है.
स्क्रैप निस्तारण के परिणामस्वरूप रेल परिसर एवं रेल लाइनों के किनारे पड़ी बेकार सामग्रियों के निस्तारण से जगह भी साफ-सुथरी हो रहे है. आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में माह फरवरी, 2025 तक ‘मिशन ज़ीरो स्क्रैप‘ के तहत स्क्रैप निस्तारण से 200.33 रुपये करोड़ से ज्यादा की आय हुई. इसमें पिछली साल की तुलना में बढ़ोत्तरी हुइ है.
भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम स्वच्छ भारत मिशन के तहत रेल परिसरों तथा रेल पटरियों के किनारे पड़े हुये लोहा, पुरानी सामग्री, जर्जर हो चुकी इमारतों एवं आवासों की पहचान कर निस्तारण किया गया है, जिससे रेल राजस्व प्राप्त होने के साथ ही रेल परिसर तथा रेल पटरियों को स्वच्छ रखने में भी सफलता मिली है. रेल मंत्रालय के अनुसार इस अभियान को अन्य जोनों में भी बढ़ावा दिया जाएगा. हालांकि कई जोनों ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं. अब गति देने का प्रयास किया जाएगा. जिससे राजस्व बढ़ोत्तरी के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिल सके.
Location :Gorakhpur,Uttar PradeshFirst Published :March 18, 2025, 20:40 ISThomeuttar-pradeshरेलवे यात्री किराए और माल भाड़े से नहीं, इस जुगाड़ से हो रहा है मालामाल