रिपोर्ट- अरविंद दुबे
सोनभद्र: “शौक नहीं मजबूरी है, लाइन बॉक्स जरूरी है” यह बातें कहते हुए रेल कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल, रेलवे में गार्ड की नौकरी करने वाले कर्मचारियों ने सरकार के एक आदेश को तुगलकी बताते हुए उसके खिलाफ प्रदर्शन किया. तो चलिए जान लेते हैं कि सरकार के किस आदेश को रेल कर्मचारियों ने तुगलकी फरमान बताया है.
आपने देखा होगा खासकर मालगाड़ी में सबसे पीछे एक गार्ड बैठा होता है और उस केबिन में एक खास बात यह होती है की एक बॉक्स रखा होता है. अब यह बॉक्स अतीत का हिस्सा होने वाला है. इस बॉक्स को गार्ड अपनी बैसाखी बताते हैं. अब विभाग द्वारा जो नया आदेश जारी हुआ उसमें उस बॉक्स को हटाकर ट्राली बैग रखने की योजना है किंतु नौकरी करने वाले संबंधित कर्मियों को यह बात नागवार लग रही है.
कर्मचारियों का कहना है, “बॉक्स के रहने से हमारे लिए कई प्रकार की सहूलियत होती है. उसमें रखे हुए टूल्स सहित हम अपने दैनिक उपयोग की आवश्यक सामग्री आसानी से उसमें ले जाते हैं.” उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात है की अगर हमारी चेयर खराब हो जाती है तो वह बैसाखी की तरह हमें गंतव्य तक का सहारा बन जाता है. इतना ही नहीं उनका कहना था कि सुरक्षा और नियमानुसार एक विस्फोटक सामग्री भी साथ रहती है जिसे अगर बॉक्स हटा दिया जाए तो हम घर तक लेकर कदापि नहीं जा सकते.
उनका कहना है कि उन्हें कहीं न कहीं गार्ड और कुली दोनों का काम कराने का प्रयास किया जा रहा है जो न्याय संगत नहीं है. उनका कहना है कि इस नियम को बदलने से पहले रेलवे को उन गार्डों से एक बार फीड बैक लेना चाहिए. गार्ड्स का कहना है कि अगर यह नियम लागू होता है तो कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. उसी को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है.
ऑल इंडिया गॉर्ड्स काउंसलिंग केंद्रीय कमेटी के आवाहन पर ट्रेन प्रबंधक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहा है. लोकल 18 से खास बातचीत में कर्मचारियों ने यह भी कहा कि पहले से ही गुड्स ट्रेन के ब्रेकयान में सुविधाओं के टोटे हैं. ब्रेक यान में ना पानी न शौचालय न बैठने के लिए बेहतर कुर्सी का इंतजाम किया गया है. अगर कुर्सी है भी तो ज्यादातर कुर्सियां टूटी हुई रहती हैं. सभी स्टेशनों की लंबाई की दोगुनी गुड्स ट्रेन होती हैं. सभी बगियां के पीछे ब्रेकयांन होता है. गुड्स ट्रेन के कर्मचारियों को रेलवे लाइन की गिट्टियों से होते हुए ब्रेक यान तक का सफर तय करना पड़ता है. ऐसे में अपना मूलभूत सुविधाओं का बैग और दूसरे ट्रॉली बैग को ब्रेक यान तक ले जाना कितना कठिन है.
गार्ड काउंसलिंग के मंडल कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार मिश्रा समेत दर्जनों संबंधित कर्मियों ने इस दौरान जताया विरोध. बताया कि हम लोग रेलवे के आधुनिकीकरण के खिलाफ नहीं है किंतु समय रहते हमारी मांगे नहीं मानी गई तो ऑल इंडिया गार्ड काउंसलिंग के नेतृत्व में आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा. अंत में कहा की देश में कुल 18 जोन हैं. यह प्रदर्शन सभी जोन में किया जा रहा.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 19:53 IST