मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बार रावण दहन काफी खास होने वाला है. कहा जा रहा है कि देश में इतना बड़ा रावण का पुतला कहीं तैयार नहीं किया गया है. 35 सालों से रावण का पुतला बना रहे असलम भाई कहते हैं कि श्रीराम की वजह से, दशहरे की वजह से उनके घर की रोजी रोटी चलती है. मेरठ में पिछले 35 सालों से रावण का पुतला बनाने के काम में जुटे असलम भाई का कहना है कि वो अपने जीवन की आखिरी सांस तक यही काम करते रहेंगे.सालों से मेरठ की उसी जगह पर रामलीला का मंचन होगा जहां कभी मंदोदरी तालाब में स्नान के लिए आया करती थीं. मान्यता है कि इसी स्थान पर रावण और मंदोदरी की पहली मुलाकात हुई थी. मेरठ के भैंसाली ग्राउंड पर 3 घंटे की हाईटेक रामलीला का मंचन होगा, जिसका सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रसारण भी होगा.रावण के ससुराल मेरठ की रामलीला कई मायनों में खास होती है. इस बार की रामलीला में कैकई के किरदार का सकारात्मक पक्ष भी दिखाया जा रहा है. कैकई को योद्धा कैकई के रूप में भी दिखाया जा रहा है. कलाकारों का कहना है कि कैकई ने अपने जीवन में कई ऐसे कार्य किए जिनकी सराहना भी होनी चाहिए. इस वजह से रावण के ससुराल मेरठ में कैकई के ऋणात्मक पहलू के साथ-साथ उनके सकारात्मक पक्ष वाले किरदार को भी दर्शाया जा रहा है.FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 16:53 IST