नई दिल्ली. माफिया मुख्तार अंसारी की अस्पताल में मौत के मामले में अब बांदा मेडिकल कॉलेज से उनका आखिरी मेडिकल बुलेटिन भी सामने आ गया है. यह बताया गया है कि रात करीब 8.25 बजे मुख्तार अंसारी को जेल का स्टाफ अस्पताल परिसर में लेकर आया था. जेल स्टाफ की तरफ ये यह जानकारी दी गई कि मुख्तार अंसारी बार-बार उल्टी की शिकायत कर रहा है और वो बेहोशी की हालत में था. रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज जिसे लोग बांदा मेडिकल कॉलेज के नाम से ज्यादा अच्छे से जानते हैं, में 9 डॉक्टरों की टीम को मुख्तार अंसारी के इलाज के लिए लगाई गई. डॉक्टरों का कहना है कि काफी प्रयास के बावजूद भी उसे बचाया नहीं जा सका और इलाज के दौरान अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लगाई गई है. इसके तहत अब किसी भी स्थान पर चार से ज्यादा लोगों के एक साथ इकट्ठे होने पर मनाही है. इस बात की संभावना जताई जा रही है कि माफिया अंसारी की मौत के बाद लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है. यही वजह है कि यह बड़ा कदम उत्तर प्रदेश सरकार ने एहतियात के तौर पर उठाया है. समाजवादी पार्टी ने मुख्तार अंसारी के निधन पर शोक जताया है. एक ट्वीट में सपा ने कहा कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो.
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मुख्तार अंसारी साल 2005 से जेल में बंद है. अपने उम्र का एक तिहाई हिस्सा यानी करीब 20 साल जेल में बिता दिए. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के मुहम्मदाबाद के रहने वाला मुख्तार अंसारी चार दशक से अधिक समय तक प्रदेश में अपना आतंक बनाए रखा था. उतर प्रदेश के प्रदेश गाजीपुर, वाराणसी, चनौली, आजमगढ़, मऊ, सोनभद्र, लखनऊ, बाराबंकी, आगरा में हत्या, लूटपाट, डकैती, अपहरण, रंगदारी, गैंगस्टर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत 65 से अधिक केस मुख्तार अंसारी पर दर्ज हैं.