रामपुर: ये शहर न सिर्फ अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां की पारंपरिक कारीगरी भी एक महत्वपूर्ण पहचान रखती है. इसी कड़ी में एक खास उपकरण है ‘सरोता’, जिसे पान की छाल काटने के लिए उपयोग किया जाता है. सरोता रामपुर के कारीगरों की बारीकी से बनाई गई कारीगरी का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो पान के शौकीनों के बीच काफी लोकप्रिय है.
रामपुर का यह सरोता साधारण औजार नहीं है, बल्कि यह पान की छाल को बेहद सटीकता और सफाई से काटने के लिए प्रसिद्ध है. पान खाने वालों के बीच यह उपकरण बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इससे पान की छाल काटने का काम न सिर्फ आसान होता है, बल्कि इसकी गुणवत्ता भी बनी रहती है. इस सरोते की बनावट और मजबूती के पीछे कारीगरों का हुनर छिपा होता है, जो इसे टिकाऊ और उपयोगी बनाते हैं.
कारीगरों का हुनर और बाजार में मांगरामपुर के कारीगर, विशेष रूप से यामीन अंसारी, जो पिछले 15 सालों से यह सरोता बना रहे हैं, उनकी कारीगरी का कोई मुकाबला नहीं है. उनके हाथों से बने सरोते मुरादाबाद, संभल और रामपुर के स्थानीय बाजारों में काफी प्रसिद्ध हैं. यामीन अंसारी द्वारा बनाए गए इन सरोतों की मांग इतनी ज्यादा है कि ये 200 रुपये से लेकर अलग-अलग कीमतों पर बाजार में बिकते हैं.
बेहद मजबूत और टिकाऊउच्च गुणवत्ता वाले लोहे से बनाए जाने वाले इन सरोतों की विशेषता यह है कि यह बेहद मजबूत और टिकाऊ होते हैं. पान की दुकान से लेकर पारंपरिक कारीगरी को संजोने वाले घरों तक, हर जगह इन सरोतों की उपयोगिता देखने को मिलती है. रामपुर के सरोते न सिर्फ एक औजार हैं, बल्कि यह कारीगरों की मेहनत और कला को संजोए हुए हैं, जो स्थानीय बाजार में उनकी जीविका का जरिया भी बनते हैं.
Tags: Local18, Unique newsFIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 15:17 IST