अभिषेक शर्मारामपुर : रामपुर जिले में साठा (ग्रीष्म कालीन) धान की खेती पर रोक लगा दी गई है.इसको लेकर जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर दिया है. रामपुर प्रशासन ने सार्वजनिक चेतावनी के माध्यम से कहा है कि किसानों ने अगर साठा धान की खेती की तो बड़ी कारवाई की जाएगी .मैजिक गाड़ी से क्ष्रेत्र में लाउड स्पीकर लगाकर चेतवानी को प्रसारित भी किया जा रहा है
न्यूज 18 से बातचीत में बिलासपुर एसडीएम मयंक गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि साठा धान को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसकी वजह से वाटर लेवल में बहुत कमी होती जा रही है. किसानो भाइयो से पहल अपील की गई है लेकिन अगर नही माने तो कानूनी प्रक्रिया के तहत सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.
प्रचार के माध्यम से किया जा रहा किसानों को जागरूक :रामपुर प्रशासन की ओर से प्रचार गाड़ी वाहन से लाउड स्पीकर से प्रचार-प्रसार गांव क्षेत्रों में कराया जा रहा है. साठा धान की खेती सबसे ज्यादा तहसील बिलासपुर, स्वार शाहाबाद में की जाती है. जिसको लेकर किसानों को हिदायत दी जा रही है .किसान सुधार जाए क्योंकि रामपुर जिले में वाटर लेवल बहुत डाउन चला गया है. जिसकी वजह से आने वाले समय में पानी की बहुत ही किल्लत होगी . फिलहाल रामपुर प्रशासन अब किसानो को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार कराने में जुट गया है.
25 हजार हेक्टेयर में होती है साठा धान की खेती :जिले में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में साठा धान की खेती होती है. साठा धान की रोपाई फरवरी माह के अंत से मार्च माह के अंत तक की जाती है. साठा धान की खेती से भूमि के जल घारण करने की क्षमता पर विपरीत असर पड़ता है. साठ धान की खेती के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है. इस सीजन में बारिश नहीं होती है. ऐसे में साठा धान के प्रत्येक चार से पांच दिन के अंदर सिंचाई की जाती है. इसके लिए भूमिगत जल का इस्तेमाल किया जाता है. इससे भूमिगत जल का स्तर नीचे चला जाता है. उन्होंने कहा कि कि एक अनुमान के मुताबिक एक किलो साठा धान के उत्पादन में लगभग 4800 लीटर पानी की आवश्यकता होती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Rampur news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 21, 2023, 20:12 IST
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