हाइलाइट्सफर्रुखाबाद में रामनगरिया माघ मेले में गुरुवार आधी रात के बाद अचानक भीषण आग लग गई जब तक कल्पवासी कुछ समझ पाते तब तक आग नें विकराल रूप ले लियाफर्रुखाबाद. उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में रामनगरिया माघ मेले में गुरुवार आधी रात के बाद अचानक भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया. जब तक कल्पवासी कुछ समझ पाते तब तक आग नें विकराल रूप ले लिया. आग की लपटों नें पूरी रामनगरिया में दहशत भर दी. आग की चपेट में आनें से कई सिलेंडर भी फटे, जिन्होंने आग में घी का काम किया. आग की चपेट में आने से एक बच्चे की जिंदा जलकर मौत हो गई. आग में झुलसे 7 को लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया. वहीं दमकल की गाड़ियों नें मौके पर आकर आग पर बमुश्किल काबू पाया.
जानकारी के मुताबिक आधी रात के बाद पांचाल घाट पुल के निकट अचानक आग लग गयी. जिससे कल्पवासियो की झोपड़ियों को आग नें अपने आगोश में ले लिया. आग लगनें की भनक लगते ही कल्पवासियों में भगदड़ मच गयी. कल्पवासी झोपड़ियों से निकल कर सुरक्षित जगह की तरफ भागे. अपने सामान और साथियों को बचाने में कल्पवासी झुलस गये. घायल सात कल्पवासियों में 35 वर्षीय शिवरतन पुत्र बिजेंद्र सिंह निवासी ग्राम तलूका बड़ी सरैया मिर्जापुर शाहजहाँपुर, 25 वर्षीय जयवीर पुत्र सर्वेश निवासी कस्बा बिछवां मैनपुरी, 25 वर्षीय मनीष पुत्र प्रमोद तिवारी निवासी मझीला मछाला हरदोई, 80 वर्षीय रामकिशन पिता नन्हेलाल निवासी अम्हापुर राजेपुर, 80 वर्षीय सत्यवती पत्नी कन्हैयालाल निवासी सिंघामझालो मिर्जापुर शाहजहांपुर, 75 वर्षीय कौशल किशोर पुत्र भारत सिंह निवासी बेहटा गोकुलपुर हरदोई, 60 वर्षीय लीला देवी पत्नी कृष्ण कुमार निवासी गांव शिव मोहनपुर बेहटा गोकुलपुर हरदोई को लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया. जिसमे से घायल जयवीर को आगरा मेडिकल कालेज, सत्यवती व रामकिशन को सैफई मेडिकल कालेज रेफर किया गया.
मेलाराम नगरिया अग्निकांड ने हर किसी को भीतर से हिला कर रख दिया. रात के अंधेरे में झुलसे सात को इलाज मिला लेकिन लापता हुआ बालक आग में जिंदा जलकर मौत नींद सो गया. परिजन उसे घटना के बाद से तलाश कर रहे थे. सुबह उसका शव फतेहगढ़ पोस्टमार्टम के शव गृह में रखा मिला. मौके पर पंहुचे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. पांचाल घाट निवासी राजेश का 13 वर्षीय पुत्र गोविंद लापता हो गया. लापता हुए गोविन्द के परिजन मौके पर पंहुचे और पड़े खून के धब्बे देखकर परिजन भड़क गये. उन्होंने गोविन्द को गायब करनें का आरोप लगाकर हंगामा किया. परिजनों नें गंगा पुल के ऊपर जाम लगानें का प्रयास भी किया. लेकिन महंत ईश्वर दास महाराज के समझानें पर वह लोहिया अस्पताल के शव गृह में उसे देखने पंहुचे, लेकिन वहां भी गोविन्द का शव ना मिलने पर वह फतेहगढ़ पोस्टमार्टम घर के शव गृह में देखने पंहुचे, जहां परिजनों को गोविन्द का शव मिला. चाचा अज्जू नें शव की शिनाख्त की. मृतक की मां सोनी, बुआ ऊषा, भाई गोपाल, बहन बैष्णवी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया.
पुलिस दबाये रही घटनाअग्निकांड के दौरान ही गोविन्द की जिंदा जलनें के बाद मौत हो गयी थी. कुछ चश्मदिदों की मानें तो उसके शव को रजाई में लपेटकर ले जाया गया. पुलिस की जानकारी में पूरा मामला होने के बाद भी परिजनों को सही जानकारी नही दी गयी. जिससे परिजन घंटों गुमराह होकर भटकते रहे. जले हुए मलबे में उसके शव को खोजते रहे. घंटों बाद परिजन जब तलाशते हुए शव गृह पंहुचे तब उन्हें जानकारी हुई.
.Tags: Farrukhabad news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : February 23, 2024, 12:19 IST
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