सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: अयोध्या मठ-मंदिरों की वजह से पूरे विश्व में विख्यात है. लेकिन जब आप अयोध्या दर्शन पूजन करने आएंगे तो अयोध्या में आपको साधु संत सन्यासी के अलावा हर गली में हर चौक पर हर मठ-मंदिर पर आपको बंदर जरूर नजर आएंगे. इन्हीं बंदरों को अयोध्या वासी बजरंगबली का स्वरूप भी मानते हैं, साथ ही उन्हें पूजते भी है. अयोध्या में कोई भूखा ना रहे इसका भी ध्यान अयोध्या के साधु-संत समेत सामाजिक संस्था रखती है. यही वजह है कि सुबह के समय रामलला की सेवा आराधना करने वाले आचार्य सत्येंद्र दास बंदरों को हनुमान जी का स्वरूप मानकर उनकी देखरेख और उनके भोजन की भी व्यवस्था करते हैं.
कलयुग में हनुमान जी को राजा माना जाता है और बंदरों को हनुमान जी का स्वरूप. राम नगरी में प्राचीन काल से यह परंपरा देखने को मिल रही है. यहां का कोई भी प्राणी भूखा ना सोए, इसके लिए जगह-जगह पर भंडारे चलाए जाते हैं. तो वहीं इसी राम नगरी में बंदरों का भी आदर सत्कार किया जाता है. बंदरों के लिए भोजन की व्यवस्थाएं अनेकों जगहों पर होती है.
राम नगरी में बंदरों की तादाद लाखों में है. अक्सर यह शरारती बंदर लोगों का नुकसान करते भी देखे जाते हैं. लेकिन राम नगरी में अनेकों जगह भगवान राम के अनन्य सेवक हनुमान जी के गण के रूप में बंदरों की सेवा होती है. कहीं इन्हें चना खिलाया जाता है तो कहीं मूंगफली खिलाई जाती है तो कहीं केला खिलाया जाता है. यह अनवरत चल रहा है.
बंदरों को बजरंगबली का स्वरूप माना जाता हैविगत कई वर्षों से प्रभु राम की सेवा आराधना करने वाले आचार्य सत्येंद्र दास सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 2:00 बजे तक प्रभु राम की सेवा आराधना में लीन रहते हैं. उसके बाद जब अपने आश्रम पहुंचते हैं तो वह प्रभु राम के सेवक पवन पुत्र बजरंगबली की सेवा आराधना में लीन हो जाते हैं. यानी की प्रभु राम की भक्ति के बाद आचार्य सत्येंद्र दास रुकते नहीं हैं. कई वर्षों से निरंतर बंदरों को हनुमान जी का स्वरूप मानकर उनके भोजन का भी प्रबंधन करते हैं और बंदर भी आचार्य सत्येंद्र दास के साथ खेलते नजर आते हैं.
यहां बंदरों का होता है सत्कारश्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि हनुमान जी अयोध्या के राजा है और यहां पर बंदरों को हनुमान जी का दर्जा दिया जाता है. अयोध्या के राजा की सेना बंदर है यहां के और इन बंदरों के लिए अभी तक कोई भी व्यवस्था नहीं है. पवन पुत्र बजरंगबली के लिए तो सारी व्यवस्था है. ऐसी स्थिति में हम कई वर्षों से इन बंदरों को भोजन करते हैं. उनकी सेवा करते हैं.
शाम के समय इनका चना उड़द मूंगफली खिलाते हैं. हमें प्रभु राम से प्रेरणा मिली और हमने निश्चित किया है. प्रतिदिन शाम के 5:00 बजे चना गेहूं और मकई इनको दिया जाता है. इतना ही नहीं आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि सुबह के समय प्रभु राम की सेवा करते हैं और शाम के समय उनकी सेवा की सेवा करते हैं.
.Tags: Ayodhya News, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : January 10, 2024, 11:47 IST
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