राम मंदिर का निर्माण युद्ध स्तर पर, गर्भगृह के लिए बदली प्लानिंग, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

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राम मंदिर का निर्माण युद्ध स्तर पर, गर्भगृह के लिए बदली प्लानिंग, पढ़ें इनसाइड स्टोरी



सर्वेश श्रीवास्तवअयोध्या: सैकड़ों वर्षों की उपेक्षा झेलने के बाद अब प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या फिर से सज-संवर रही है. केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ना सिर्फ रामनगरी की तस्वीर बदल रही है बल्कि यहां आने और रहने वालों की तकदीर भी बदल रही है. जैसे-जैसे भव्य और दिव्य राम मंदिर का स्वरूप आकार ले रहा है. भक्तों की खुशियां बढ़ती जा रही है.वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर के गर्भ ग्रह का कार्य दिसंबर 2023 में पूरा कर लिया जाएगा और जनवरी 2024 में भगवान राम लला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. समय निश्चय होने के बाद निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों की संख्या बढ़ा दी है. सूत्रों की माने तो लगभग 1500 से 2000 श्रमिक वर्तमान समय में राम मंदिर के निर्माण कार्य में लगे हैं.नक्काशी में लग रहा वक्तश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कैंप कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि भगवान राम का मंदिर तेज गति के साथ बन रहा है. प्रकाश गुप्ता दावा करते हुए बताते हैं कि यह पहले से तय है कि 15 जनवरी 2024 को भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा कर गर्भ गृह में की विराजमान कराया जाएगा. इसके साथ ही प्रकाश गुप्ता ने बताया कि अभी मंदिर निर्माण में मेन फोकस गर्भ ग्रह का निर्माण करना है.गर्भ गृह में जो पत्थर लगाए जा रहे हैं बहुत नक्काशी दार पत्थर लगाए जा रहे हैं. उनको तराशने में एक कारीगर को एक महीने लगते हैं. जितने पत्थर लगने हैं वह आ गए हैं. लेकिन पत्थरों पर नक्काशी का काम काफी बारीक होता है इस वजह से कारीगरों की संख्या बढ़ाई गई है. क्योंकि गर्भ गृह के ऊपर दो पत्थर लगने हैं. उन पर बारीकी से नक्काशी कराई जा रही है. ऐसे में उन पत्थरों पर नक्काशी करना पहली प्राथमिकता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 27, 2023, 21:21 IST



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