Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 22, 2025, 14:37 ISTRam Janki Mandir Azamgarh: उत्तर प्रदेश के एक प्रसिद्ध मंदिर का संबंध श्री राम से है. प्रभु राम यहां रुके थे. इस मंदिर का शिवलिंग भी भगवान ने स्थापित किया था.X
title=राम घट पर मौजूद मंदिर />
राम घट पर मौजूद मंदिरहाइलाइट्सआजमगढ़ का राम जानकी मंदिर रामायण कालीन इतिहास से जुड़ा है.प्रभु राम ने यहां शिवलिंग स्थापित किया था.मंदिर अब खंडहर में तब्दील हो चुका है.Ram Janki Mandir Azamgarh: आजमगढ़ को ऋषियों की धरती के नाम से जाना जाता है.आजमगढ़ में आज भी प्रभु श्री राम और रामायण कालीन इतिहास मौजूद है. यह शहर भी भगवान राम के वनयात्रा का साक्षी बना था. यहां प्रभु श्री राम ने वन जाते समय माता सीता और भगवान लक्ष्मण के साथ प्रवास किया था और और अपनी आगे की यात्रा करते हुए ऋषि भारद्वाज के आश्रम प्रयागराज पहुंचे थे.
प्राचीन समय में हुआ करता था तमसा नदी का किनाराशहर के मध्य में लाल्डिग्गी इलाके के पास बसा हुआ रामघाट प्राचीन समय में तमसा नदी का किनारा हुआ करता था. समय के साथ-साथ तमसा नदी का विस्तार हुआ और यह जगह अब आबादी के क्षेत्र में तब्दील हो गई. वर्तमान में इस जगह की भौगोलिक स्थिति भले ही बदल चुकी है, लेकिन यहां की ऐतिहासिक और पौराणिक विरासत आज भी मौजूद है. इस घाट पर बना हुआ श्री राम जानकी मंदिर आज भी रामायण कालीन इतिहास को अपने अंदर संजोए हुए है.
प्रभु श्री राम के द्वारा स्थापित शिवलिंगऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार रामघाट पर प्रभु श्री राम ने वन जाते समय माता सीता और लक्ष्मण के साथ रात्रि प्रवास किया था. उनके द्वारा स्थापित शिवलिंग आज भी मंदिर में मौजूद है. प्रभु श्री राम ने अपनी वन यात्रा के दौरान आजमगढ़ पहुंचने के बाद इसी जगह पर प्रवास किया था और अपनी प्रजा को छोड़कर आगे की यात्रा करते हुए भारद्वाज ऋषि के आश्रम प्रयागराज पहुंचे थे. इन तथ्यों का जिक्र महर्षि वाल्मीकि की रामायण में भी मिलता है.
वाल्मीकि रामायण में भी है जिक्रमंदिर के पुजारी हरिहर मिश्रा से मिली जानकारी के अनुसार वाल्मीकि रामायण में इस घटना का जिक्र करते हुए बताया गया है कि प्रभु श्री राम तमसा नदी के किनारे ऐसे स्थान पर जहां मंदिरों की श्रृंखला थी संध्या वादन किया था और प्रजा के साथ रात्रि प्रवास किया था. वाल्मीकि रामायण में तमसा किनारे जीन मंदिरों की श्रृंखला का जिक्र है उसे रामघाट स्थित मंदिर को ही माना जाता है. मान्यता यह भी है कि वनवास के दौरान भगवान श्री राम जहां रुके थे उस जगह को उनके नाम से ही जाना जाता है इसलिए इस इस घाट को भी रामघाट के नाम से ही जाना जाता है.
इसे भी पढ़ें – मंगलवार को करें यूपी के इस मंदिर में पूजा…दक्षिण हनुमान जी दिलाएंगे कष्टों से छुटकारा, मन मांगी मन्नत होगी पूरी!
खंडहर में तब्दील होता इतिहाससमय के साथ यह प्राचीन मंदिर अब लगभग खंडहर के रूप में तब्दील हो चुका है देखरेख और संरक्षण के अभाव में यह मंदिर समय के साथ-साथ अपनी पुरानी विरासत को भी खोता जा रहा है. हालांकि, मंदिर के व्यवस्थापकों के द्वारा अपनी निजी व्यवस्था के अनुसार मंदिर को संरक्षित करने के लिए समय-समय पर कार्य किया जाता रहा है.
Location :Azamgarh,Uttar PradeshFirst Published :February 22, 2025, 14:32 ISThomedharmयूपी का वो मंदिर…जहां प्रभु राम ने स्थापित किया था शिवलिंग, जानें मान्यता