मुजफ्फरनगर. कर्नाटक के बेंगलुरु में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर स्याही फेंकने की घटना के बाद उनके पैतृक गांव सिसौली में अचानक आपातकालीन पंचायत बुलाई गई. इसमें आसपास के गांव से सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया. इस पंचायत में राकेश टिकैत के साथ हुई घटना की निंदा की गई तो वहीं उनके लिए जेड श्रेणी की सुरक्षा के साथ आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई. पंचायत में इस घटना के विरोध में सभी जिलों में प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया.
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये घटना उत्तर प्रदेश में हो जाती तो कई सौ आदमी अब तक मर जाते. नरेश टिकैत ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि कल डीएम साहब के यहां ज्ञापन दिया जाएगा. लोगों में रोष है. इसके पीछे सरकार की गलत सोच है. यह मानसिकता है तो कम से कम 2500 किलोमीटर यहां से कर्नाटक बेंगलुरु है जहां स्टेट की बदनामी हुई. इसकी हम निंदा करते हैं.
राकेश टिकैत की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की नरेश टिकैत ने कहा कि झारखंड, असम, और छत्तीसगढ़ में किस तरह के मामले हो रहे हैं. अगर यह आदमी ठीक-ठाक करके खा रहे हैं तो यह नक्सलवाद की तरफ धकेल रहे हैं. हम समाज विरोधी कोई गतिविधियां नहीं कर रहे. इस पर जिम्मेदारी सरकार की भी है. उनकी सुरक्षा व्यवस्था की उन्हीं की जिम्मेदारी थी. वहां कोई ऐसा आदमी नहीं था. उन्हें यह तो पता है कि राकेश टिकैत की पहचान है. उन्हें यह भी पता है कि 13 महीने आंदोलन किया है. कोई भी आदमी उठकर इस तरह का काम कर दे इसकी तो निंदा होनी चाहिए.
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