झांसी. हमने किसी भी दूसरे देश की जमीन पर कब्जा करने की नीयत नहीं रखी. मगर यदि किसी भी देश ने भारत की ओर आंख उठा कर देखा है, तो हमने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है. हमारी सेना के बहादुर जवान भारत की हर एक इंच जमीन की रक्षा करने में सक्षम हैं. ये बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रेजांग ला युद्ध की 59वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह में कहीं. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व्हील चेयर पर बैठे 13 कुमाऊं के रिटायर ब्रिगेडियर आरवी जटार को खुद वॉर मेमोरियल तक लेकर आते देखे गए. बता दें कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय ब्रिगेडियर आरवी जटार कंपनी कमांडर थे.
बता दें कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान शहीद ही भारतीय सेना के जवानों की याद में रेजांग ला में एक स्मारक बनाया गया था. अब उस पुराने स्मारक को नए सिरे से बनाया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रेजांग ला युद्ध की 59वीं वर्षगांठ पर गुरुवार को रेजांग ला पहुंचे थे. यहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. नए वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया. बता दें कि रेजांग ला का वॉर मेमोरियल पहले बेहद छोटा था, जिसे फिर से तैयार किया गया है. नए रेजांग ला वॉर मेमोरियल में शहीदों के नाम भी शामिल किए गए है.
आपको याद होगा कि 1962 की भारत-चीन जंग के खत्म होने के ठीक 2 दिन पहले पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में जो लड़ाई लड़ी गई वो एक नजीर बन गई भारतीय सेना के लिए भी और दुनिया के बाकी देशों के लिए. जब विषम परिस्थितियों में भारतीय सेना ने चीनी हमले की मुंहतोड़ जवाब दिया था. 18 नवंबर को 13 कुमाऊं रेजिमेंट के 114 सैनिकों ने 16500 फिट की उंचाई पर चीनी सेना को जमकर चुनौती दी. बंदूक की आखिरी गोली खत्म होने तक लड़ाई लड़ी गई. 20 नवंबर 1962 में चीन ने सीज फायर किया और जंग खत्म हो गई.
1962 की भारत-चीन जंग में चुशुल सेक्टर के रेजांग ला पर मेजर शैतान सिंह की अगुवाई में 13 कुमाऊं रेजिमेंट तैनात थी. इसने चीन के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया और बड़ी ही वीरता से चीनी फौज के छक्के छुड़ा दिए थे. 18 नवंबर को ही रेजांग ला का भीषण युद्ध लड़ा गया था और इस जंग में वीरगति को प्राप्त हुए मेजर शैतान सिंह को उनकी वीरता और अदम्य साहस के लिए परमवीर चक्र से नवाजा गया था.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi. हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.Tags: Defense Minister Rajnath Singh, India-China 1962 War, Jhansi news
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