अखंड प्रताप सिंह/कानपुर. कानपुर प्राणी उद्यान अपने वातावरण और अद्भुत वन क्षेत्र के लिए जाना जाता है. यहां पर विभिन्न प्रजाति के जानवर रहते हैं. जिसमें कुछ खास जानवर है जो दर्शकों को बेहद पसंद आते हैं और दर्शक हमेशा उनके दीदार कर सकते हैं.
इनमें से ही है कानपुर का राइनो, 1973 में पहली बार गुवाहाटी से कानपुर चिड़ियाघर में एक मादा गैंडा लाई गई थी. इसके बाद लगातार कानपुर प्राणी उद्यान में कोई ना कोई राइनो दर्शकों का मनोरंजन करते रहते हैं. जानिए कैसा रहा है अब तक राइनो का कानपुर प्राणी उद्यान का सफर.
कानपुर प्राणी उद्यान बेहद पुराना प्राणी उद्यान है और देश में इसका एक अलग स्थान है. यहां पर मुख्य रूप से इसको ब्रीडिंग सेंटर के रूप में तब्दील किया गया था. शुरुआत में यहां पर कई जानवरों ने बच्चों को जन्म दिया है जिसमें राइनो भी शामिल है. वर्ष 1982 में यहां पर पहले मादा गैंडा ने जन्म लिया था जिसका नाम रश्मि था. बाद में जिसे जापान के योकोहामा शहर में भेज दिया गया था.
देश के कई जू में भेजे यहां से राइनो
कानपुर प्राणी उद्यान में जन्म लेने वाले कई राइनो को देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक के प्राणी उद्यानों में भेजा गया है. वर्ष 1985 से लेकर 2015 तक कानपुर प्राणी उद्यान में 10 राइनो के बच्चों का जन्म हो चुका है.
अभी कानपुर प्राणी उद्यान में तीन राइनों है जिसमें एक मादा और दो नर गैंडाहै जिसमें मादा मानु है और दोनों उसके बच्चे पवन और कृष्णा है. जिसमें से इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने कानपुर प्राणी उद्यान के गैंडापवन को अपना ब्रांड एंबेसडर भी घोषित किया था जिसका पूरा खर्च वह स्वयं उठाता है.
प्रजनन और संरक्षण में कानपुर प्राणि उद्यान अव्वलकानपुर प्राणी उद्यान के चिकित्सक डॉक्टर नितेश कुमार ने बताया कि कानपुर प्राणी उद्यान का वातावरण हमेशा से राइनो के लिए अनुकूल रहा है. जिस वजह से यहां पर शुरुआत से ही राइनो हमेशा मौजूद रहे हैं और दर्शकों का मनोरंजन करते रहे हैं. यहां पर अब तक 10 राइनो के बच्चों का जन्म हो चुका है जो उत्तर प्रदेश के अन्य चिड़ियाघरों में सबसे अधिक है. कानपुर प्राणी उद्यान को गैंडों के प्रजनन का सबसे अनुकूल केंद्र माना जाता है.
.Tags: Kanpur news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 22, 2023, 21:49 IST
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