चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले का पाठा क्षेत्र कई मामलों में हमेशा से वंचित रहा है. बेरोजगारी और आर्थिक संकटों से यहां के लोग लंबे समय से जूझ रहे हैं. हालांकि, अब बदलते दौर के साथ यहां के किसानों ने खेती करने का तरीका भी बदल दिया है. इसी बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण है इस क्षेत्र में मिर्च की खेती. इससे किसानों की आय बढ़ी है.
इस इलाके में अभी तक गेहूं, चावल और सरसों जैसी खेती करने वाले कुछ किसान अब मिर्च की खेती पर फोकस कर रहे हैं. चित्रकूट जिले के बराहमाफी गांव के किसान अब मिर्च की खेती कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं. लगभग 3-4 साल पहले शुरू की गई मिर्च की खेती का लाभ अब किसानों को मिलने लगा है. गांव में लगभग 10 से 12 बीघे में मिर्च की खेती हो रही है जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है.
किसान ने दी जानकारी बराहमाफी गांव के किसान अशोक चंदेल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि वह लगभग 5 साल से मिर्ची की खेती कर रहे हैं. इससे पहले वह गेहूं, सरसों जैसी फसल उगाते थे लेकिन इन फसलों में समय अधिक लगता था और मुनाफा भी बहुत कम था. इसके बाद उन्होंने मिर्ची की खेती करने का विचार किया और इसे अपनाया. मिर्च की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है. उन्होंने बताया कि मिर्च की खेती के लिए उन्होंने बाजार से बीज खरीदा जिसकी कीमत 650 रुपए थी.
एक पौधा आठ महीने देता है फलकिसान अशोक का कहना है कि नर्सरी में इन बीजों को बोकर 35 दिनों में इन्हें तैयार किया जाता है. फिर नर्सरी से इन पौधों को उखाड़कर अपने खेत में रोपण किया. केवल 40 दिनों के भीतर पौधे मिर्च देने लगते हैं. मिर्च की खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है.
अशोक चंदेल ने बताया कि मिर्च की खेती में 25 हजार रुपए की लागत आती है और एक बीघे से लगभग एक लाख रुपए की बचत होती है. एक मिर्ची का पौधा लगभग 8 महीने तक मिर्च देता है. मिर्च तैयार होने पर इसे बेचकर कमाई कर सकते हैं.
Tags: Chitrakoot News, Chitrakoot news today, Local18FIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 21:36 IST