पशुप्रेमी हो तो ऐसा…गली के कुत्तों को ठंड में ठिठुरते देखा नहीं गया, बना डाले सैकड़ों आशियाने

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निखिल त्यागी/सहारनपुर: आज के समय में एक ओर लोगों के पास अपनों के लिए समय नहीं है. वहीं, आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो बेसहारा जीवों के लिए मसीहा बनकर काम कर रहे हैं. सर्दी के मौसम में ठंड में ठिठुरन से इंसान ही नहीं पशु-पक्षियों की भी हालत खराब हो जाती है. सहारनपुर की एक संस्था से जुड़े युवक ने गली के कुत्तों को ठंड से ठिठुरता देख उनके लिए सैकड़ों  आशियाने बना दिये. रात की सर्दी में इंसान तो घरों के अंदर गर्म कपड़ों में लिपटकर रहते हैं. लेकिन गली में रहने वाले कुत्ते रात भर ठंड में ठिठुर कर सुबह का सूरज निकलने का इंतजार करते हैं.

रक्षा मंत्रालय के एक विभाग मे कार्यरत सहारनपुर के विकास पुण्डीर ने बताया कि पशु-पक्षियों के लिए उनके मन में बचपन से ही प्रेम रहा है. उन्होंने बताया कि बचपन में जब गली में कुत्ते के छोटे-छोटे बच्चों या प्रसव के दौरान फीमेल डॉग के बच्चों को ठिठुरते देखा करते थे , तो सर्दी से ठिठुरते उन छोटे-छोटे बच्चों को वह अपने घर में बने भैंसों के तबेले में ले आते थे और वहीं पर उन छोटे-छोटे बच्चों की देखरेख की जाती थी. जिससे उनके मन को बहुत सुकून मिलता था. विकास ने बताया कि छोटे बच्चों व उनकी मां के लिए सर्दी से बचाव की व्यवस्था तथा अपनी भैंसों का दूध पीने के लिए देते थे.

संस्था करती है सेवार्थ कार्य

विकास पुंडीर ने बताया कि हमारी एक संस्था संवेदना मानव कल्याण ट्रस्ट काफी समय से सेवार्थ  के कार्य कर रही है. जैसे रक्तदान शिविर आयोजित करना, वृक्षारोपण करना, जरूरतमंद पशु पक्षियों का इलाज करना व उनकी  देखरेख की व्यवस्था संस्था द्वारा किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस संस्था के सदस्य आगे बढ़कर सेवार्थ के काम करते हैं. विकास ने बताया कि यह संस्था सर्दी व बरसात के मौसम में कुत्ते के छोटे-छोटे बच्चों के लिए आशियाने की व्यवस्था आवश्यक रूप से करती है.

डॉग हाउस बनाने का लिया निर्णय

संवेदना मानव कल्याण ट्रस्ट के सदस्य विकास पुंडीर ने बताया कि पहले के समय में अधिकतर मकान व जगह कच्ची हुआ करती थी. जिससे कुत्ते को रहने व बैठने में कोई परेशानी नहीं होती थी. लेकिन आज के समय में मकान सड़के व सभी जगह पक्के बन गए हैं. जिसके कारण कुत्तों के लिए अपनी जगह बनाना मुश्किल होता है. विकास ने बताया कि ऐसे में संस्था द्वारा मौसम की मार झेलने वाले कुत्तों के लिए डॉग हाउस बनाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने बताया कि हमने जगह-जगह प्लाईवुड व लकड़ी से डॉग हाउस बनाए हैं. जिनमे गली में घूमने वाले कुत्तों को आसरा मिल जाता है. इन डॉग हाउस को बनाने में आने वाला खर्च संस्था के सदस्य तथा समाज के लिए सहयोग करने वाले लोग उठाते हैं.
.Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : November 27, 2023, 16:50 IST



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