सुशील सिंह/मऊ : पर्यावरण संरक्षण आज के समय का सबसे ज्वलंत मुद्दा है. जिस तरह से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा और ग्लोबल वार्मिग बढ़ रही, उस तरह एक दिन ऐसा आ जाएगा कि इस पृथ्वी पर लोगों का जीवन संकट में पड़ सकता है .ऐसे में पर्यावरण का संरक्षण बहुत ही आवश्यक हो गया है.पर्यावरण संरक्षण के लिए राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार देश के 33.3 प्रतिशत भू-भाग पर वन होने चाहिए, लेकिन चिंता की बात है कि देश के केवल 24.62 प्रतिशत भाग पर ही वन है.
पर्यावरण संरक्षण की इसी मुहिम को रफ्तार दे रहे मऊ जिले के शिक्षक शैलेंद्र यादव. मऊ जिले के पुरानी तहसील के रहने वाले शैलेंद्र यादव पेशे से एक सरकारी टीचर हैं. अपनी मुहिम में शैलेंद्र यादव हर रोज किसी न किसी को एक पौधा दान करके उसे लगवाने और उसकी सुरक्षा का संकल्प दिलाते हैं. अपनी इस मुहिम में वह अब तक 1170 पौधे दान कर चुके हैं. दान करने के बाद वो खुद उस पौधे को लगवाते भी हैं.
कोरोना महामारी ने बदली सोचशैलेंद्र यादव बताते हैं कि पेड़ लगाने की प्रेरणा उन्हें तब मिली जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा था. चारों तरफ ऑक्सीजन के लिए मारामारी मची थी. तब उन्होंने सोचा कि क्यों न पेड़ों को बचाया जाए जो सभी को फ्री में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और हमारे वातावरण को साफ और शुद्ध रखते हैं. अपनी इसी सोच के साथ 5 सितंबर 2020 को शिक्षक दिवस के दिन उन्होंने संकल्प लिया कि वो जब तक जिंदा रहेंगे अपने वेतन का 5% पेड़ लगाने में खर्च करेंगे.
मऊ से लुंबिनी तक साइकिल यात्राशैलेंद्र यादव इस मुहिम में अब तक 1170 पेड़ लगाने में सहयोग कर चुके है. शैलेंद्र बताते हैं कि वो ज्यादातर छायादार वृक्षों को ही लगवाते हैं, पर यदि जगह की कमी होती तो वो तुलसी, छितवन या फलदार पौधों को भी लगवाते हैं. अपने संकल्प को साकार करने के लिए एक बार उन्होंने मऊ से वाराणसी के लिए पैदल यात्रा और एक बार मऊ से लुंबिनी(नेपाल)के लिए साइकिल यात्रा भी कर चुके हैं.
.Tags: Local18, Mau news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : January 6, 2024, 15:09 IST
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