भारत को डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है और फिर भी लोग इसको लेकर बिलकुल भी सीरियस नहीं है. देश में डायबिटीज एक महामारी का रूप ले रहा है, लेकिन इससे पहले कि यह गंभीर स्थिति में पहुंचे, प्रीडायबिटीज एक चेतावनी के रूप में सामने आता है. इस दौरान, ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल से थोड़ा ज्यादा होता है, हालांकि इतना नहीं होता कि उसे डायबिटीज कहा जाए. जब शरीर इंसुलिन प्रतिरोध दिखाना शुरू करता है, तो इसे प्रीडायबिटीज कहा जाता है.
हावर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि आपको प्रीडायबिटीज है, तो आपके पास एक साल के भीतर टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की 10% संभावना होती है और जीवनकाल में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना लगभग 70% होती है. तो आइए आज हम प्रीडायबिटीज के बारे में बात करें और इसके लक्षण व बचाव के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें.
प्रीडायबिटीज के लक्षणप्रीडायबिटीज के सामान्य लक्षणों में अत्यधिक प्यास लगना और बार-बार पेशाब आना शामिल है. इसके अलावा थकान महसूस होना भी एक संकेत है, क्योंकि शरीर इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता और एनर्जी की कमी हो जाती है. अनियंत्रित वजन बढ़ना (खासकर पेट के आसपास) और त्वचा में बदलाव जैसे गर्दन और बगल में काले धब्बे भी प्रीडायबिटीज का संकेत हो सकते हैं. कुछ मामलों में धुंधली दृष्टि और भूख का अधिक महसूस होना भी देखा गया है.
प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने के उपायबैलेंस डाइट: फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट का सेवन बढ़ाएं. ज्यादा प्रोसेस्ड फूड और शुगर ड्रिंक्स से बचें.नियमित व्यायाम: कम से कम 150 मिनट प्रति सप्ताह मध्यम तीव्रता वाले व्यायाम करें. इसमें ब्रिस्क वॉक, साइक्लिंग या स्विमिंग जैसे एरोबिक एक्टिविटी शामिल होनी चाहिए.वजन कंट्रोल करें: 5-10% वजन घटाने से शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविडी में सुधार हो सकता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.अच्छी नींद: हर रात 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लें. खराब नींद से शरीर में इंसुलिन रजिस्टेंस बढ़ सकता है.तनाव मैनेजमेंट: क्रॉनिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग, गहरी सांस लेने का अभ्यास या प्रकृति के बीच समय बिताएं.
इन उपायों को अपनाकर आप प्रीडायबिटीज को रिवर्स कर सकते हैं और डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकते हैं. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से न केवल ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है, बल्कि सेहत भी अच्छी होती है.