प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रांगण में इस समय एक नई घटना देखने को मिल रहा है . यह प्रांगण हमेशा से ही राजनीति, साहित्य और कला के लिए गुलजार रहा है लेकिन इस समय एक अजब-गजब घटना ने लोगों का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया है. योगी की भांति एक बालक रोज स्थित बरगद वृक्ष के नीचे बैठकर रोजाना चार घंटे तपस्या में लीन रहता है. खास बात यह है कि उसके आस-पास पशु-पक्षी भी बैठे रहते हैं . मगर वह तपस्या में ऐसा लीन रहता है कि उसपर आस पास के वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता.भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा में गुरु-शिष्य परंपरा के दौर में योग और साधना का पाठ शिष्यों को पढ़ाया जाता था, मगर धीरे धीरे यह सब कुछ खत्म होता चला गया. इस दृश्य को देखने के बाद पौराणिक कहानियों में उल्लिखित तथ्य सिद्ध होने लगा है कि आज भी कुछ लोग हैं जो विषय ज्ञान अर्जन के साथ साधना और तप को भी अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं.नियत समय से आना और सूरज ढलने के बाद जानायुवावस्था में तपस्या और साधना करने वाले कुछ ही नाम हमारे जेहन में आते हैं. कभी जैसे नर नारायण ने, महात्मा बुद्ध बने सिद्धार्थ ने की थी. वैसे ही इस युवा को भी देखा जा सकता है . जो नित प्रतिदिन इस विश्वविद्यालय में आकर बरगद की लताओं में बैठ ध्यान लगाता है. ध्यान लगाने का उसका उद्देश्य क्या है यह अभी तक किसी को नहीं पता. मगर आस-पास के लोगों का कहना है कि वो विचारों से आध्यात्मिक है इसलिए ध्यान लगाता है.करीब शाम के चार बजे तक प्रांगण में आ जाता है और शाम के साढ़े सात बजे के बाद ही वह विश्वविद्यालय के बाहर जाता है. ऐसे में वह लोगों से बातचीत भी नहीं कर पाता, इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर के छात्रों को जानकारी भी नहीं मिल पाती है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : March 30, 2023, 22:11 IST
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