प्रयागराज. संगम नगरी में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं. मध्य प्रदेश और उत्तराखंड समेत देश के कई हिस्सों में हो रही बारिश और बांधों से लगातार छोड़े जा रहे हैं पानी के चलते गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. प्रयागराज के संगम क्षेत्र में दोनों नदियों का जलस्तर डेंजर लेवल के करीब पहुंच गया है. अगर इसी रफ्तार से दोनों नदियों का जल स्तर बढ़ता रहता है तो कभी भी गंगा और यमुना नदियां डेंजर लेवल को पार कर सकती हैं. गंगा और यमुना नदियों में बाढ़ आने से जहां शुक्रवार को ही इस साल दूसरी बार जहां संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह में गंगा और यमुना नदियों का जल प्रवेश कर गया था. तो वहीं अब तटीय इलाकों में भी बाढ़ का पानी समाने लगा है.
शहर के दर्जनों निचले रिहायशी कालोनियों में एक मंजिल बाढ़ के पानी में डूब गयी है. संगम आने और जाने वाली सभी सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं. सभी स्नान घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. संगम नगरी में जिन सड़कों पर मोटर गाड़ियां फर्राटा भरती थी उन सड़कों पर नावें चल रही है. संगम में आई बाढ़ के चलते घाटियों, दुकानदारों और तीर्थ पुरोहितों ने भी सुरक्षित स्थानों पर अपने तखत लगा लिए हैं. बाढ़ के बावजूद देश के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु हर दिन संगम आ रहे हैं. गंगा नदी का जलस्तर कछारी इलाकों में भी प्रवेश कर गया है. गंगा किनारे बसे छोटा बघाड़ा, बेली गांव, गंगानगर, अशोक नगर, म्यौराबाद, राजापुर, सलोरी, शंकर घाट, रसूलाबाद और नेवादा के सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
बाढ़ का पानी घरों में घुसा, छतों पर पहुंचे परिवारबाढ़ का पानी घरों में घुसने के बाद पीड़ित परिवार घर की छतों पर डेरा जमा चुके हैं. बीते 24 घंटे में गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 21 सेंटीमीटर और छतनाग में 39 सेंटीमीटर बढ़ा है. जबकि यमुना नदी का जलस्तर बीते 24 घंटे में 29 सेंटीमीटर बढ़ा है. फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 84.07 मीटर और छतनाग में 83.40 मीटर तक पहुंच गया है. जबकि यमुना नदी का नैनी में जलस्तर 83.90 मी पहुंच गया है. यमुना नदी करीब डेढ़ सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं, तो वहीं गंगा नदी फाफामऊ में 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे और छतनाग में डेढ़ सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है. गंगा और यमुना नदियों में आई की बाढ़ पर सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी की जा रही है.
बाढ़ राहत शिविर खोल दिए, 1500 लोगों ने ली शरणगंगा और यमुना नदियों के जलस्तर बढ़ने का सिलसिला अभी भी जारी है. बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने सात स्कूलों में बाढ़ राहत शिविर खोल दिए हैं. बाढ़ राहत शिविरों में 1500 से ज्यादा बाढ़ प्रभावितों ने अब तक शरण ली है. बाढ़ को लेकर डीएम कार्यालय के संगम सभागार में कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया गया है. 24 घंटे काम करने वाले कंट्रोल रूम का नंबर भी जारी कर दिया गया है. कंट्रोल रूम का नंबर 0532-2641577 और 0532-2641578 है.
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