आदित्य कृष्ण/अमेठी. ख्वाहिशों से नहीं गिरते फूल झोली में अपने कर्म की साख को हिलाना होगा, कुछ नहीं होगा अंधेरे को कोसने से अपने हिस्से के दीये को खुद ही जलाना होगा. जी हां हम बात कर रहे है अमेठी के युवा की जिसने मेहनत तो बहुत की. मगर परिणाम उससे कम मिला. इसके बाद भी उसने हार नहीं मानी और अपने शौक को बरकरार रखा हुआ. लोक संगीत में रुचि रखने वाले प्रदीप मौर्य को संगीत से बेहद लगाव है. प्रदीप को संगीत जितना सुनने में मधुर लगता है, उतना गाने में भी. प्रदीप के गाने सुनकर आपको भी इनसे लगाव हो जाएगा. ये जब गाते है तो इनकी दर्द भरी आवाज आपको इमोशनल कर देगी. इनका लय इतना जबरदस्त है कि आप भी इनके दीवाने हो जाएंगे.
लोकगीत संगीत में अपनी रूचि रखने वाले प्रदीप मौर्या अमेठी जिले के जायस के बेरारा गांव के रहने वाले है. इनके पिता शिक्षा मित्र हैं. प्रदीप मौर्या को जब काफी सघर्षों के बाद नौकरी नहीं मिली तो इन्होंने गीत संगीत में अपनी प्रतिभा दिखाई. प्रदीप अब तक कई समसामयिक मुद्दो के साथ बेरोजगारी, महंगाई सहित कई विषय पर गीत लिखने के साथ उन्हें अपनी सुरीली आवाज में गुनगुनाया है.प्रदीप मौर्या बताते हैं कि आज इस गीत संगीत के प्लेटफार्म में उन्हें न सिर्फ अच्छा सम्मान मिला बल्कि उन्हें एक तरीके से रोजगार भी मिला है.
कई बार मिल चुका है सम्मानप्रदीप मौर्या ने अपनी पहचान जिले के साथ-साथ प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी बनाई है और इन्हें इसी सफलता की वजह से अयोध्या महोत्सव, सैफई महोत्सव, कवि सम्मेलन सहित सारे गामा पा जैसे बड़े कार्यक्रम में अपनी प्रतिभा और अपना हुनर दिखाने का मौका मिला है.
सभीका मिल रहा सहयोगप्रदीप मौर्या बताते हैं कि गीत संगीत में उनकी रूचि बचपन से थी. उनके बाबा कजरी गीत गाते थे लेकिन पढ़ाई के बाद पहले रोजगार की तलाश थी. जब रोजगार नहीं मिला तो गीत संगीत में रूचि दिखाई और सभी का सहयोग और प्यार मिल रहा.
.Tags: Amethi news, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : August 26, 2023, 16:06 IST
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