पक्की छत की आस में दर-दर भटक रही थी बुजुर्ग महिला, झांसी के समाजसेवी बने आशा की किरण

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पक्की छत की आस में दर-दर भटक रही थी बुजुर्ग महिला, झांसी के समाजसेवी बने आशा की किरण



हर तरफ से निराशा हाथ लगने के बाद यह महिला टूट चुकी थी. तभी, झांसी की जानी-मानी संस्था संघर्ष सेवा समिति के सदस्यों से इनका संपर्क हुआ. उन्होंने लोगों को बताया कि कैसे घर की छत टूट गई है और क्या समस्या हो रही है. इसके बाद समिति के लोगों ने यह बीड़ा उठा लिया कि महिला को छत बनाकर दी जाएगी. 



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