हाइलाइट्सऐसे कुत्ते अपने लड़ाकू प्नवृत्ति से अमेरिका और दुनिया के कई अन्य देशों में बदनामपिटबुल कुत्ते सामान्य कुत्तों से मजबूत और ज्यादा ताकतवर और सक्रिय होते हैंइन्हें आमतौर पर डॉगफाइटिंग खेल के लिए उपयोगी माना जाता है गाजियाबाद में भी एक पिटबुल डॉग (Pitbull Dog) ने एक लड़के को बुरी तरह काट खाया. उसका पूरा चेहरा और शरीर लहुलूहान हो गया. लड़के को 125 टांके लगवाने पड़े. आप समझ सकते हैं कि पिटबुल डॉग कितने खतरनाक होते हैं. इन डॉग्स के भयावह होने और अपने मालिकों को काट लेने की खबरें लगातार ही आती रहती हैं. लखनऊ में कुछ समय पहले जब पिटबुल ने अपने मालिक की मां को जगह जगह काटकर मार डाला था, तब उस घटना से सनसनी फैल गई थी.
क्यों पाले जाते हैं कुत्तेकुत्तों के बारे में धारणा यह है कि वे अपने मालिक के लिए वफादार होते हैं और उन्हें बहुत ही स्नेह देते हैं. वहीं जगंली कुत्तों की कुछ नस्लों के बारे में भी ऐसा कहा जाता है कि वे पालने योग्य नहीं होती हैं. इसके अलावा कुत्तों को रखने की एक वजह उन्हें सुरक्षा कारणों से रखने को भी बताया जाता है. कई कुत्ते केवल पशु प्रेम और स्नेहल साथी के रूप में पाले जाते हैं तो कुछ दुर्लभ विशुद्ध नस्ल के कुत्ते शान दिखाने के लिए पाले जाते हैं.
किस नस्ल केपिट बॉल शब्द अमेरिका में बुलडॉग और टेरियर्स के वंशजों की नस्ल के कुत्तों को कहा जाता है. वहीं यूके जैसे दूसरे देशों में इसे अमेरिकन बिट बुल टेरियर यानि एपीबीटी नाम से जाना जाता है. यह वास्तव में कुत्तों की कुछ प्राजातियों का संकर रूप की नस्ल मानी जाती है लेकिन इंग्लैंड में इसे बुल एंड टेरियर डॉग के साथ अमेरिकन बुली टाइप डॉग के संकर से बनाया गया था. . इस तरह के कुत्ते वास्तव में अपने लड़ने की आदतों से अमेरिका और दुनियाके कई अन्य देशों में बदनाम हैं.
लड़ाई के कुख्यातपिट बुल कुत्ते सामान्य कुत्तों से मजबूत कुत्ते माने जाते हैं. ये बहुत सक्रिय, शक्तिशाली और मजबूत जबड़े के जाने जाते हैं. साहसी, निडर और और लड़ाकू कुत्ते माने जाते हैं दुनिया में कई जगह इन्हें डॉगफाइटिंग खेल के लिए उपयोगी माना जाता है अमेरिका जैसे देश में भी डॉगफाइटिंग पर प्रतिबंध होने के बाद भी यह खेल होता है और इनमें पिट डॉग पहली पसंद होते हैं.
पिछले कुछ समय से पिटबुल कुत्ते (Pit bull) की छवि ज्यादा आक्रामक और अनियंत्रित जानवरों की बन रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
इन पर प्रतिबंध भीयह भी सच है कि कई देशों में पिट बुल कुत्तों पर प्रतिबंध है. इन देशों में इंग्लैड, फ्रांस, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे, न्यूजीलैंड, इजराइल, मलेशिया आदि शामिल हैं. इसके अलावा बेल्जियम, जापान, जर्मनी, चीन ब्राजील के कुछ हिस्सों में इन पर प्रतिबंध हैं. इन देशों में पिट बुल को पालना , उनका व्यवसाय करना , उनका प्रजनन करने पर पाबंदियां लगाई गई हैं.
अमेरिका का ये आंकड़ापिट बुल की छवि एक आक्रामक और अप्रत्याशित बर्ताव वाले कुत्ते के रूप में ज्यादा प्रसिद्ध हुर् है. अमेरिका मे ही इनके द्वारा आक्रामक होकर खतरनाक हमला करने की घटनाओं की खबरों ने इस तरह की धारणा को मजबूत किया है. वे कितने खतरनाक हैं इसके लिए अमेरिका का एक आंकड़ा भी दिया जाता है. पिट बुल अमिरका में कुत्तों की जनसंख्या का केवल 6 प्रतिशत हिस्सा हैं, जबकि पिछले 40 सालों में 68 प्रतिशत कुत्तों के हमले की घटनाओं के भागीदार रहे हैं.
पिटबुल कुत्ते (Pit bull) कत्तों की कोई अलग से विशेष नस्ल नहीं है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock
बदनाम छवि पर अनियंत्रितबेशक आज पिट बुल की छवि इस तरह की बन चुकी हैं कि वे आक्रामक हो जाते हैं और उनका बर्ताव अप्रत्याशित भी हो जाता है, गुस्सा होने पर वे नियंत्रित नहीं रह पाते हैं. लेकिन यह भी सच है कि बरसों पहले इनकी इस तरह की छवि नहीं थी. कई विशेषज्ञों का मानना है कि पिट बुल को सही परिपेक्ष्य में नहीं समझा जाता है. वास्तव में पिट बुल अन्य कुत्तों की तरह ही अनियंत्रित होते हैं, उन्हें गुस्सा आता है और वे दूसरों का काटते हैं, लेकिन अन्य कुत्ते इतने खतरनाक घाव नहीं देते जितने इनकी वजह से घाव आते हैं इसलिए पिट बुल ज्यादा बदनाम हैं.
इस सब के लिए और भी कारण है जो ऐसी घटना की वजह बन जाते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि उनके पालन पोषण सही जिम्मेदारी से नहीं होता है. उनके बारे में काफी गलतफहमियां भी हैं. कई लोग मानते हैं कि वे लड़ने के लिए ही बने हैं. लेकिन सच यह है कि वे दूसरे अन्य कुत्ते जितने ही खतरनाक हैं. अगर उन्हें सही बर्ताव और प्रशिक्षण के साथ रखा जाए तो वे अपनी छवि को गलत साबित करते भी दिखे हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Attack of stray dogs, Dog, Dog Breed, Dog Lover, DogsFIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 12:13 IST
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