पिता करते हैं वेंडर का काम, बेटे में शूटिंग की ऐसी दीवानगी कि किराए पर पिस्टल लेकर साध रहा निशाना, जानें कहानी

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पिता करते हैं वेंडर का काम, बेटे में शूटिंग की ऐसी दीवानगी कि किराए पर पिस्टल लेकर साध रहा निशाना, जानें कहानी

आगरा: ताजनगरी आगरा की धरती ने खेल जगत में कई नामी खिलाड़ियों हुए हैं, जो आज सफलता के शिखर पर चमक रहे हैं. इस राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर आपको आगरा मलपुरा के रहने वाले सौम्य अग्रवाल की कहानी बताने जा रहे हैं.

सौम्य अग्रवाल की शूटिंग के प्रति दीवानगी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि हर रोज सौम्य मलपुरा से एकलव्य सपोर्ट स्टेडियम 12km साइकिल से सफर तय कर पंहुचते है. वह 17 साल के हैं और 25 और 10 मीटर एयर पिस्टल से निशाना साधते हैं. सौम्य एकलव्य स्पोर्ट स्टेडियम में पिछले 1 साल से निशानेबाजी सीख रहे हैं.

पिता करते हैं वेंडर का कामलोकल 18 से बात करते हुए सौम्य अग्रवाल बताते हैं कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है. पिता वेंडर का काम करते हैं. मां हाउस वाइफ हैं. वह खुद 10वीं की पढ़ाई कर रहे हैं. इसी में छोटे भाई का भी पढ़ाई का खर्चा है, जो पिता के वेंडर के काम से पूरा नहीं हो पता है.

सौम्य ने बताया कि शूटिंग बहुत महंगा गेम है. शूटिंग के दौरान आप जिस गन से निशाना लगाते हैं. वह 4 से 5 लाख रुपए की आती है. साथ ही इक्विपमेंट्स भी महंगे आते हैं. 3 से 4 खिलाडियों ने पिस्टल किराए पर ली है, जिससे वह निशाना साधने की प्रैक्टिस कर रहे हैं.

मनु भाकर के मेडल के बाद जगी उम्मीदप्रतिदिन आगरा के एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम के शूटिंग रेंज में 30 से 40 शूटर शूटिंग सीखने के लिए आते हैं. हाल ही में आयोजित हुए पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर के मेडल के बाद से शूटरों में आत्मविश्वास बढ़ा है. अब वह पूरे मेहनत के साथ देश के लिए मेडल लाने के लिए लगे हुए हैं.

दिल्ली में जीत चुके हैं मेडलऐसे में सौम्य अग्रवाल का भी सपना है कि वह भारत के लिए ओलंपिक में मेडल लेकर आएं. इसके लिए वह पूरी मेहनत कर रहे हैं. सौम्य 2024 दिल्ली में आयोजित UP स्टेट चैंपियनशिप में 25 मीटर रेंज में सिल्वर मेडल और प्री स्टेट प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने ऑल इंडिया ओपन चैंपियनशिप में 18वहीं रैंक भी हासिल की है.

सरकार करे सहयोग की है उम्मीदएकलव्य स्पोर्ट स्टेडियम में शूटिंग सिखा रहे कोच ऋषभ गोयल का कहना है कि इस बार शूटिंग में कई सालों के बाद मनु भाकर ने मेडल लाकर सूखा खत्म किया है. हमारे देश के युवा खिलाड़ी किसी से कम नहीं है. बस उन्हें अच्छी ट्रेनिंग और इक्विपमेंट की जरूरत है.सरकार अगर सहयोग करें तो आगरा के खिलाड़ी भी ओलंपिक में मेडल ला सकते हैं.

विदेश से आती है पिस्टलकोच ने कहा कि यहां सुविधाओं का अभाव है. 10 मीटर और 25 मीटर में जिस पिस्टल का इस्तेमाल होता है. वह विदेश से खरीदी जाती है. जब तक खिलाड़ी नेशनल लेवल तक नहीं पंहुच जाते हैं, सरकार उसे पिस्टल खरीदने की अनुमति नहीं देती है. बिडम्बना है कि वह नेशनल तक आने के लिये शूटिंग किस गन से सीखें. इन छोटी-छोटी जरूरत का अगर ध्यान रखा जाए तो हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
Tags: Agra news, Local18, Sports news, Success StoryFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 10:50 IST

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