पिता ग्रुप डी कर्मचारी, नहीं भर पाए NIT की हॉस्टल फीस तो चुनी सिविल सेवा, पाई 736वीं रैंक

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पिता ग्रुप डी कर्मचारी, नहीं भर पाए NIT की हॉस्टल फीस तो चुनी सिविल सेवा, पाई 736वीं रैंक



04 तस्कीन ने एनआईटी क्वालीफाई किया, लेकिन पिता ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में ग्रुप डी कर्मचारी थे, सैलरी बहुत कम थी. वहां के छात्रावास की फीस का इंतजाम करना बहुत मुश्किल था. वो छोड़ दिया. दयानंद बृजेंद्र स्वरूप कॉलेज, देहरादून से 2018 में 75% नंबरों के साथ बीएससी पूरी की. फिर परिस्थितियों को देखते हुए, माता-पिता की सलाह पर,सिविल सेवा की ओर रुख किया.



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