Pilibhit Tiger Reserve: अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व से बाघ और तेंदुए नहीं भेजे जाएंगे जू, जानिए क्यों?

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Pilibhit Tiger Reserve: अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व से बाघ और तेंदुए नहीं भेजे जाएंगे जू, जानिए क्यों?



रिपोर्ट- सृजित अवस्थीपीलीभीत: उत्तरप्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व में तकरीबन 65 से अधिक टाइगर और 101 से भी अधिक तेंदुओं का वास है. इन वन्यजीवों की संख्या में लगतार इजाफा भी हो रहा है. लेकिन कई बार ये वन्यजीव जंगल से आबादी में आ जाते हैं. ऐसे में इन्हें रेस्क्यू किया जाता है. लेकिन रेस्क्यू व री-वाइल्डिंग सेंटर के अभाव में इन्हें अब तक लखनऊ या कानपुर स्थित जू भेजा जाता है. लेकिन अब पीलीभीत में भी रेस्क्यू व री-वाइल्डिंग सेंटर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. अब पीलीभीत के वन्य जीव रेस्क्यू के बाद भी पीलीभीत में ही रहेंगे.

दरअसल उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में सन 2014 में देश का 46वां टाइगर रिजर्व बनाया गया था. तराई क्षेत्र में होने के चलते पीलीभीत का वातावरण वन्य जीव के काफी अनुकूल है. यही कारण है पीलीभीत टाइगर रिजर्व में लगातार वन्यजीवों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है. 2022 में हुई वन्यजीव गणना के आंकड़ों को देखा जाए तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगभग 65 से भी अधिक है. वहीं तेंदुए की संख्या भी 100 का आंकड़ा पार कर चुका.

सुरक्षा के लिहाज से रेस्क्यूकई बार बाघ व तेंदुए जैसे वन्यजीव रास्ता भटक कर या फिर घायल होकर शिकार की तलाश में आबादी के नजदीक पहुंच जाते हैं. ऐसे में यह परिस्थिति जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों व वन्यजीव दोनों के लिए ही खतरनाक बन जाती है. ऐसी स्थिति में इन वन्यजीवों को सुरक्षा के लिहाज से रेस्क्यू किया जाता है. इन्हें जंगल में सरवाइव करने लायक बनाने के लिए अभी तक लखनऊ या कानपुर स्थित चिड़ियाघर में भेजा जाता था. इसी भागदौड़ को कम करने के लिए योगी सरकार ने जुलाई में प्रदेश के पीलीभीत, महराजगंज, मेरठ और चित्रकूट में 4 नये रेस्क्यू सेंटर्स बनाने की घोषणा की थी. इन रेस्क्यू सेंटर्स का निर्माण यूपी कैंम्पा ( कंपनसेटरी डिफॉरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी) की निधि से किया जाना है.

शुरू हुआ रेस्क्यू सेंटर का कामअब पीलीभीत में इस रेस्क्यू सेंटर के निर्माण कार्य की प्रक्रिया धरातल पर शुरू हो चुकी है. इस सेंटर के लिए पूरनपुर क्षेत्र के गोपालपुर में चिन्हित की गई जमीन को समतल कर इस कार्य की शुरुआत कर दी गई है. इस निर्माण कार्य को कारदायी संस्था सीएनडीएस करवा रही है.

रेस्क्यू सेंटर में होती है यह सुविधाएंवन्यजीवों के लिए बनाए जाने वाले रेस्क्यू सेंटर में वन्यजीवों के लिए तमाम तरह की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती है. रेस्क्यू सेंटर में वन्यजीवों के रहने के लिए बाड़े, फीडिंग चेंबर के साथ ही साथ समस्त मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध होती हैं.निर्माण कार्य शुरू हो गयापूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि सीएनडीएस की ओर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. उम्मीद है जल्द ही पीलीभीत का रेस्क्यू सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Pilibhit news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : December 19, 2022, 13:01 IST



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