रिपोर्ट: सृजित अवस्थी
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के दियोरिया रेंज में इलबांस देवल मंदिर है. हाल ही में पुरातत्व संरक्षण विभाग (ASI) ने भी अपनी रिपोर्ट में इस मंदिर के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि की है. इस मंदिर में 10वीं शताब्दी की तमाम मूर्तियां आज भी मौजूद हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व की दियोरिया रेंज में घने जंगल के बीच इलबांस देवल मंदिर में वाराही देवी की मूर्ति स्थापित है. इस मंदिर के आसपास काफी अधिक पौराणिक महत्व की चीजें भी हैं.
शहर के सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट शिवम कश्यप लंबे समय से इस मंदिर में आते हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर में मौजूद प्राचीन काल की मूर्तियों व वहां लगे शिलालेख ने उनका ध्यान आकर्षित किया. जब उन्होंने अपने स्तर पर रिसर्च की तो कई किताबों में इसके ऐतिहासिक महत्व का जिक्र मिला. इसके बाद उन्होंने पुरातत्व संरक्षण विभाग से पत्राचार शुरू किया. 2018 से लगातार विभाग के कई अधिकारियों ने मंदिर का स्थलीय निरीक्षण भी किया. हाल ही में विभाग ने मंदिर से जुड़े सर्वे की रिपोर्ट तैयार की है. इसमें शिलालेख व मूर्तियों को 10वीं शताब्दी का होना पाया गया है.
हर साल लगता है मेला
दियोरिया इलाके के इस मंदिर में हर साल पौराणिक मेला भी लगाया जाता है. लोग हजारों की संख्या में इस मेले में आते हैं. लोगों के बीच मंदिर में मौजूद शिलालेख को लेकर तमाम किवदंती भी प्रचलित हैं.
मूर्तियों की नहीं हो रही देखरेख
यूं तो पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने मंदिर में मौजूद शिलालेख व मूर्तियों को 10वीं शताब्दी का बताया है, लेकिन संरक्षण के अभाव में इन ऐतिहासिक धरोहरों पर लगातार खतरा मंडरा रहा है. अधिवक्ता शिवम कश्यप बताते हैं कि मंदिर में मौजूद तमाम मूर्तियों को आसपास के ग्रामीण अपने घर उठा ले गए हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Pilibhit news, UP newsFIRST PUBLISHED : January 31, 2023, 19:09 IST
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