Pilibhit historical buildings of british and rohilla period be able to withstand a major earthquake

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Pilibhit historical buildings of british and rohilla period be able to withstand a major earthquake



रिपोर्ट- सृजित अवस्थी

पीलीभीत: इस वक्त पूरी दुनिया की निगाहें तुर्की व सीरिया में भूकंप की तबाही से जुड़ी खबरों पर टिकी है. वहीं पीलीभीत के लोगों को भी ऐतिहासिक इमारतों को लेकर अब डर सताने लगा है. इसको लेकर पीलीभीत के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पुरातत्व विभाग को एक पत्र लिख कर कुछ मांगे की हैं. जानिए पूरा मामला इस रिपोर्ट में.

दरअसल तुर्की व सीरिया में भूकंप से मची तबाही की तस्वीरें किसी से छिपी नहीं हैं. समूचे विश्व की निगाहें वहां की खबरों पर टिकी हुई हैं. वहीं आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जावेद मलिक ने भारत में भी ऐसी घटना की आशंका जाहिर की है. ऐसे में पीलीभीत के लोगों को भी अब शहर की ऐतिहासिक इमारतों को लेकर डर सताने लगा है.

ब्रिटिश काल की इमारतें हो चुकी है जर्जरपीलीभीत शहर में लम्बे समय तक अफगान से आये रोहिल्लाओं का शासन रहा है. उस दौरान रोहिल्ला सरदारों ने पीलीभीत में बरेली दरवाजा, कोतवाली दरवाजा जैसे तमाम निर्माण कार्य कराए थे. लेकिन अब रखरखाव के अभाव में ये ऐतिहासिक धरोहरें जर्जर हो रही हैं. बरेली गेट व कोतवाली गेट के नीचे तमाम दुकाने संचालित होती हैं. कुछ साल पहले तत्कालीन डीएम पुलकित खरे ने इसके पुनरोद्धार को लेकर प्रयास किए थे. लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. पीलीभीत में ब्रिटिश काल के दौरान बनाई गई तहसील भी अब जर्जर हो चुकी है. लेकिन इसमें आज भी कुछ महत्वपूर्ण सरकारी दफ्तर संचालित होते हैं. ऐसे में अगर ये इमारतें किसी भी दुर्घटना का शिकार होती है तो भारी जानमाल का नुकसान होने की आशंका है.

पूर्व में हो चुके हैं हादसेशहर की बाजार के बीचों-बीच स्थित बरेली दरवाजा दशकों से बदहाल है. 17 जून 1999 को शहर के एक ग्राउंड में मुलायम सिंह की जनसभा थी. जिसके चलते शहर की तमाम सड़के खचाखच भरी थी. तभी एकाएक इस दरवाजे का एक बड़ा हिस्सा गिर गया. स्थानीय दुकानदारों के मुताबिक उस दुर्घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. पूरे मामले पर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट शिवम कश्यप ने पुरातत्व विभाग को एक पत्र लिख इन ऐतिहासिक इमारतों का सर्वे कर इनके संरक्षण की मांग उठायी है. उनका मानना है कि ऐसा करने से खतरे से तो बचा ही जा सकता है. बल्कि पीलीभीत के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Archaeological Department, Archaeological Survey of India, Earthquake News, Historical monument, Pilibhit news, UP newsFIRST PUBLISHED : February 11, 2023, 09:07 IST



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