मौनी अमावस्या के दिन परिक्रमा, पूजन, स्नान, दान, तप और योग का विधान है. इस बार शनिवार को मौनी अमावस्या पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जा रहा है. शनिश्चरी अमावस्या का योग गंगा स्नान के महत्व को कई गुना बढ़ा रहा है. मौनी अमावस्या पर तिल के साथ ही अपनी सामर्थ्य़ के मुताबिक दान करना विशेष लाभकारी होता है. इस दिन कल्पवासियों द्वारा चौरासी प्रकार के दान किये जाने की भी परंपरा है. मौन रहकर गंगा में कम से कम तीन डुबकी अवश्य लगानी चाहिए.आज ब्रह्म मुहूर्त से पूरे दिन मौनी अमावस्या के स्नान का पुण्य लाभ श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को मिलेगा. खासतौर पर अभिजित मुहूर्त में मध्यकाल में पूजन का विशेष महत्व है.
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