पहली बार कर रहीं हैं हरियाली तीज का व्रत, तो इन बातों का रखें ध्यान, अयोध्या के ज्योतिषी से जानें पूजाविधि समेत सब

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पहली बार कर रहीं हैं हरियाली तीज का व्रत, तो इन बातों का रखें ध्यान, अयोध्या के ज्योतिषी से जानें पूजाविधि समेत सब

अयोध्या: प्रत्येक वर्ष सावन माह में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. कहा जाता है कि हरियाली तीज का व्रत करने से वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है. हरियाली तीज को हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना करने का विधान है. कहा जाता है कि हरियाली तीज पर भगवान शंकर और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. इस दिन हरे रंग की चूड़ियां और मेहंदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए उपवास रखती हैं, तो दूसरी तरफ शादी के बाद पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखने का एक अलग ही महत्व होता है. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि अगर आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं,  तो कैसे पूजा करनी चाहिए ?

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस वर्ष हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा. इस तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को शाम 7:42 से शुरू होकर और 7 अगस्त को रात 10:00 बजे समाप्त होगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं जीवन में खुशहाली के लिए उपवास रखती हैं. तो शादी के बाद पहली बार इस उपवास को रखने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. इस दिन नव विवाहित महिलाओं को 16 श्रृंगार कर विधि विधान पूर्वक भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना करनी चाहिए.

जानें पूजा विधि

अगर आप शादी के बाद पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हो, तो सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. उसके बाद हरे रंग के वस्त्र धारण करने  चाहिए. 16 श्रृंगार धारण करना चाहिए. उसके बाद फिर पूजा के लिए एक चौकी तैयार करनी चाहिए. चौकी पर पीले रंग का कपड़ा डालकर भगवान शंकर और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए. उसके बाद विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. हरियाली तीज व्रत की कथा सुननी चाहिए. आरती करनी चाहिए. उसके बाद खुशहाल जीवन की कामना के लिए भगवान शंकर और माता पार्वती का आशीर्वाद लेना चाहिए.

पहली बार हरियाली तीज व्रत की पूजा के लिए कुछ खास सामग्री पूजन में शामिल करनी चाहिए, जिसमें शमी का पत्ता, नारियल, चावल, दूर्वा घास, कपूर, घी, अबीर, गुलाल, श्रीफल ,चंदन, गाय का दूध, गंगाजल ,दही, मिश्री, पीला वस्त्र ,कच्चा दूध, नए वस्त्र, केले का पत्ता, बेलपत्र, भांग, शहद, पंचामृत, सिंदूर, बिंदी , चूड़ी, कुमकुम, कंगी ,बिछुआ मेहंदी दर्पण इत्र जैसी चीजों को भी रखना चाहिए .
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 09:14 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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