शाश्वत सिंह/झांसी: इंटरनेट का बढ़ता इस्तेमाल और घर बैठे सुविधा पाने की आदत लोगों के लिए अब आफत बनती जा रही है. हर व्यक्ति साइबर अपराधियों के निशाने पर है. अब तो साइबर अपराधी बुजुर्गों और पेंशन धारकों को भी नहीं छोड़ रहे हैं. पिछले कुछ समय में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पेंशन धारक साइबर अपराधियों का शिकार बनते जा रहे हैं. ऑनलाइन जीवित प्रमाण पत्र अपडेट करने के नाम पर पेंशन धारकों के साथ लगातार जालसाजी हो रही है.झांसी में साइबर अपराध विभाग देख रहे एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पेंशन धारकों को साल में एक बार अपना जीवित प्रमाण पत्र जमा करना होता है. इसके लिए पेंशन निदेशालय या अपने संबंधित विभाग में जाना होता है. लेकिन, कई बार कोई अनजान व्यक्ति पेंशन धारक को फोन करता है और उसे कई महत्वपूर्ण जानकारी देता है.इस तरह होता है साइबर क्राइमपेंशन से संबंधित इन जानकारी को सुनकर पेंशन धारक को लगता है कि यह फोन पेंशन निदेशालय से आया है. इसके बाद साइबर अपराध करने वाला व्यक्ति एक ओटीपी मांगता है. यह ओटीपी बताते ही पेंशन धारक के बैंक अकाउंट का कंट्रोल साइबर अपराध करने वाले के हाथ में आ जाता है.पेंशन धारक रहे सावधानज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पेंशन धारकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जीवित प्रमाण पत्र को ऑफलाइन ही जमा करवाना होता है. यह प्रक्रिया अभी ऑनलाइन नहीं की गई है. अगर कोई भी व्यक्ति आपको ऑनलाइन प्रमाण पत्र अपडेट करने के लिए फोन करता है तो उसके साथ कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा ना करें. इसके साथ ही अगर कोई आपसे जानकारी के लिए फोन करता है तो उसकी शिकायत तुरंत नजदीकी थाने या साइबर सेल में जाकर करें..FIRST PUBLISHED : November 22, 2023, 13:14 IST
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