पीलीभीत. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अनुकूल वातावरण में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. मगर यहां के आठ महीने के एक शावक की आगे की जिंदगी अब कानपुर चिड़ियाघर में बीतेगी. यह शावक अपनी मां से बिछड़ गया है. कई दिन की निगरानी के बाद भी जब शावक की मां का सुराग नहीं लगा तो अधिकारियों ने इसे रेस्क्यू कर कानपुर जू भेजने का निर्णय लिया है.दरअसल कुछ दिन पहले यह शावक अपनी मां से बिछड़ कर जंगल से हो कर बहने वाली खारजा नहर की पटरी पर देखा गया. वन विभाग की टीम ने शुरुआती कुछ दिनों तक आसपास के इलाके में निगरानी कर बाघिन मां की काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. ऐसे में शावक की सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग की टीम ने इसके रेस्क्यू को लेकर उच्चाधिकारियों से पत्राचार शुरू किया.अनुमति मिलने के बाद सामाजिक वानिकी, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ व डब्ल्यूटीआई की टीमों ने संयुक्त रूप से शावक को पकड़ने के लिए रेसक्यू ऑपरेशन चलाया. कड़ी मशक्कत के बाद यह नन्हा टाइगर रेस्क्यू टीम के द्वारा पकड़ा गया. रेस्क्यू के बाद एक रात डॉक्टरों की निगरानी में रखने के बाद इस शावक को अब कानपुर जू भेज दिया गया है.सुरक्षा के लिहाज से भेजा गया है कानपुर ज़ूजानकारों की माने तो बाघिन अपनी मादा शावक को 18 महीने, और नर शावक को 12 महीने तक अपने साथ रखती है. एक बार जब यह शावक खाने के लिए शिकार करने के सारे गुण सीख जाते हैं तो उनकी मां उनसे अलग हो जाती है. मिली जानकारी के मुताबिक रेस्क्यू कर पकड़े गए शावक की उम्र महज आठ महीने है.कानपुर चिड़ियाघर में कटेगी बाकी जिंदगी इतनी कम उम्र के शावक का अपनी मां के बिना जंगल में जिंदा रह पाना काफी मुश्किल है. इसलिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के कुनबे के इस नन्हे टाइगर की आगे की जिंदगी अब कानपुर चिड़ियाघर में कटेगी. पीलीभीत सामाजिक वानिकी के डीएफओ संजीव कुमार ने शावक के रेस्क्यू ऑपरेशन पर अधिक जानकारी देते हुए बताया कि कई दिन तक निगरानी करने के बाद शावक को रेस्क्यू किया गया है. उच्चाधिकारियों के आदेश पर शावक को कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 23, 2022, 17:35 IST
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