पीलीभीत. अब तक तराई के जिले पीलीभीत में भगवान परशुराम का कोई मंदिर मौजूद नहीं था. लेकिन हाल ही में कुछ सामाजिक संगठनों की ओर से इस ओर पहल की गई थी. ऐसे में 3 दिन तक चले अनुष्ठानों के बाद सोमवार को पीलीभीत के एक प्राचीन मंदिर प्रांगण में भगवान परशुराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई है.
वैसे तो आमतौर पर भगवान परशुराम पूरे हिंदू समाज के लिए पूज्य होते हैं. लेकिन अगर ब्राह्मण समाज की बात की जाए तो उनकी भगवान परशुराम में काफी गहरी आस्था होती है. पीलीभीत ने भी बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज की आबादी रहती है. पीलीभीत में भगवान परशुराम के पूजन के लिए अब तक कोई भी विग्रह मौजूद नहीं था. ऐसे में कुछ सामाजिक संगठनों के लोगों ने शहर में भगवान परशुराम के मंदिर बनाने की पहल शुरू की.
3 दिन हुआ अनुष्ठाननतीजतन सभी की मिली जुली पहल के बाद पीलीभीत शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक बाबा गौरीशंकर मंदिर प्रांगण में भगवान परशुराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा किया जाना तय हुआ. 13 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक चले अनुष्ठान के पश्चात भगवान परशुराम की मूर्ति को पूरे शहर में भ्रमण कराया गया. इसके बाद मंदिर परिसर में पूर्ण विधि विधान के साथ भगवान परशुराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई.
दशकों पुराना सपना हुआ साकारअधिक जानकारी देते हुए अशोक बाजपेयी ने बताया कि दशकों पहले उन्होंने व उनके अन्य साथियों ने मिलकर यह सपना देखा था फिर भी शहर में भी भगवान परशुराम के एक मंदिर की स्थापना की जाए. आज कई साल बीत जाने के बाद यह सपना पूरा होता दिखाई दे रहा है. सभी के सहयोग से सोमवार को विद्वानों की अगुवाई में सभी विधि विधान के साथ भगवान परशुराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई है. भगवान परशुराम न केवल ब्राह्मणों के लिए पूज्य है बल्कि समस्त सनातन से जुड़े लोगों के लिए भी वह उतने ही महत्वपूर्ण है.
यहां हुई है स्थापनाअगर आप भी पीलीभीत में स्थित भगवान परशुराम मंदिर में जाकर दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सैकड़ों वर्ष प्राचीन बाबा गौरीशंकर मंदिर प्रांगण पहुँचना होगा. यह मंदिर शहर में स्थित ललित हरि आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं महाविद्यालय के समीप स्थित है.
Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 20:08 IST