Last Updated:March 13, 2025, 18:16 ISTPilibhit News : वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डॉ. शैलेंद्र सिंह के मुताबिक पीलीभीत में 13 प्रजातियों के कछुए, मगरमच्छ की 02 प्रजातियां, दो स्तनधारी प्रजातियां, जिसमें गंगा रिवर डॉल्फिन और स्मूथ कोटेड ओटर, मछलियों की करी…और पढ़ेंसांकेतिक फोटो.हाइलाइट्सपीलीभीत में 13 प्रकार के दुर्लभ कछुए पाए जाते हैं.पीलीभीत में गंगा रिवर डॉल्फिन और स्मूथ कोटेड ओटर भी मिलते हैं.पीलीभीत की जैव विविधता देश-विदेश में प्रसिद्ध है.
पीलीभीत. टाइगर हैवेन के नाम से मशहूर होते जा रहे पीलीभीत में एक्वेटिव वर्ल्ड भी बसता हैं. इस अनोखे संसार में जलीय जीव-जंतुओं की कई ऐसी प्रजातियां चिन्हित की जा चुकी हैं जो या तो शेड्यूल वन में शामिल हैं या विलुप्ति की कगार पर पहुंच गए हैं. विशेषज्ञों की मानें तो जलीय जीव-जंतुओं का जो संसार पीलीभीत में देखने को मिलता हैं, वह उत्तर प्रदेश की किसी अन्य जगह में शायद ही देखने को मिले.
तराई की हरी-भरी वादियों के बीच बसा पीलीभीत जिला पीलीभीत टाइगर रिजर्व के दम पर ईको टूरिज्म के नक्शे पर अपनी पहचान बनाता नजर आ रहा है. यहां की जैव विविधता देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जानी पहचानी जा रही है. इन सबके बीच पीलीभीत का एक्वेटिक वर्ल्ड यहां की बढ़ती जैव विविधता में चार चांद लगा रहा है. अगर कछुओं की ही बात करें तो देश में कछुओं की कुल 30 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें से 15 प्रजातियां उत्तर प्रदेश में मिलती हैं. खास बात यह है कि इन 15 प्रजातियों में से 13 प्रजातियां पीलीभीत में पाई जाती हैं.
पीलीभीत में जलीय जंतुओं का संसारकछुआ समेत जलीय जीव-जंतुओं के संरक्षण में जुटी संस्था टर्टल सर्वाइवल एलायंस इंडिया (टीएसए) के निदेशक और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डॉ. शैलेंद्र सिंह के मुताबिक पीलीभीत में 13 प्रजातियों के कछुए, मगरमच्छ की 02 प्रजातियां, दो स्तनधारी प्रजातियां, जिसमें गंगा रिवर डॉल्फिन और स्मूथ कोटेड ओटर, मछलियों की करीब 100 प्रजातियां और पानी में रहने वाले कई जलीय पक्षी है. उनके मुताबिक अगर जलीय-जीव-जंतुओं के कॉबिनेशन को मिलाते हैं तो यह कॉबिनेशन उत्तर प्रदेश की किसी अन्य जगह नहीं है. जिसके पीछे की वजह हैं यहां बहने वाली नदियों के साथ ही साथ सारे वाटर होल्स, कैनाल, दलदली क्षेत्र जो पीलीभीत को जलीय जीवों के लिहाज से मुफीद बनाते हैं.
पीलीभीत में यहां पाए जाते हैं कछुएपीलीभीत टाइगर रिजर्व समेत जिले में कछुओं की 13 प्रजातियां चिन्हित की गई है. टर्टल सर्वाइवल एलायंस इंडिया के मुताबिक कछुओं की 13 में से 11 प्रजातियां शेड्यूल वन की श्रेणी में आती हैं. इसमें भी 07 प्रजातियां अति लुप्त प्राय: हैं. जिले में कछुओं का मुख्य हैबीटेट माला नदी, खन्नौत नदी, शारदा नदी, गोमती उदगम स्थल और भारत-नेपाल सीमा पर पाए जाने वाले बड़े-बड़े वेटलैंडस हैं. पीलीभीत में पाई जाने वाली कछुओ की प्रजातियों में स्योत्तर कछुआ, कटहेवा, मोरपंखी, सुंदरी, काली काठा, तीन तरह के पचेड़ा कछुए, काला कछुआ, स्टार, पहाड़ी त्रिकुटि, पार्वती और भूत काठ शामिल हैं.
ऐसे तय होता है जैव विविधता का स्तरडॉ. शैलेंद्र सिंह बताते हैं कि पीलीभीत में नदी-नहरों, झील-तालाबों का नेटवर्क होने के साथ दलदली जमीन की भी अधिकता है. यह एक ऐसा डिवीजन है, जहां विभिन्न प्रकार के जलीय जीव-जंतु पाए जाते हैं. प्रदेश के टॉप टेन हैबीटेट में 03 पीलीभीत में हैं. इन सभी के हिसाब से ही जैव विविधता तय होती है. इनके संरक्षण को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं, जोकि आने वाले समय में धरातल पर भी दिखेंगे.
Location :Pilibhit,Uttar PradeshFirst Published :March 13, 2025, 18:16 ISThomeuttar-pradeshपीलीभीत में जलीय जंतुओं का संसार… मिलते हैं 13 प्रकार के दुर्लभ कछुए!