पीलीभीत में दहशत का पर्याय बने बाघ पर कसेगा शिकंजा… वन विभाग ने तैयार किया प्लान

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पीलीभीत में दहशत का पर्याय बने बाघ पर कसेगा शिकंजा... वन विभाग ने तैयार किया प्लान

पीलीभीत. एक तरफ जहां पीटीआर के बाघ देश-दुनिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं तो वहीं ओर इनमें से कुछ बाघों की आबादी में चहलकदमी ग्रामीणों के लिए आफत का सबब बन जाती है. बीते कुछ दिनों से पीलीभीत के एक गांव में बाघ ने डेरा जमाया है. बाघ खेतों में घूम रहे आवारा पशुओं को अपना शिकार भी बना रहा है. गांव के किनारे स्थित एक जलस्त्रोत पर वन विभाग की ओर से पिंजड़ा भी लगाया गया है. लेकिन शातिर बाघ लगातार पिंजड़े से दूरी बनाए हुए है. ग्रामीणों और बाघ की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए अब वना अधिकारियों की ओर से बाघ को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू करने की योजना बनाई गई है. इसको लेकर स्थानीय अधिकारियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की अनुमति मांगी है.दरअसल, बीते एक सप्ताह से पीलीभीत के न्यूरिया इलाके में स्थित मंडरिया गांव में बाघ की मौजूदगी देखी जा रही है. ग्रामीणों की मानें तो इस बाघ को कई महीनों से इलाके में देखा जा रहा है. कुछ दिन तक गांव से दूर रहने के बाघ ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है. बताया जा रहा है कि यह बाघ गांव की लगभग 1 किलोमीटर की परिधि में डेरा जमाए हुए है.24 घंटे निगरानी जारीऐसे में तकरीबन 3500 की आबादी वाले मंडरिया गांव के वाशिंदों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है. एक तरफ जहां परिजन अपने बच्चों को अकेले स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं तो वहीं किसानों के कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं. कुछ दिनों तक पिंजड़े के जरिए बाघ को रेस्क्यू करने के प्रयासों के बाद अब पीटीआर प्रशासन ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का फैसला लिया है. वहीं इलाके में वन विभाग की ओर से टीमें बनाकर 24 घंटे निगरानी की जा रही है.बाघ का किया जाएगा रेस्क्यूपूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि मंडरिया में बाघ की लगातार चहलकदमी को देखते हुए ग्रामीणों व वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज से रेस्क्यू करने का फैसला लिया गया है. बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति मांगी गई है. अनुमति मिलने के बाद सही स्थान का चयन कर बाघ को रेस्क्यू किया जाएगा.FIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 20:50 IST

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