Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:January 26, 2025, 22:34 ISTPadma Bhushan Ram Bahadur Rai : गाजीपुर के सोनाड़ी गांव में जन्मे राम बहादुर राय का सफर प्रेरणा स्रोत है. जेपी आंदोलन के बाद 1979 में उन्होंने पत्रकारिता की राह पकड़ी और दिल्ली में ‘जनसत्ता’ के साथ करियर की शुर…और पढ़ेंगाजीपुर से ‘जनसत्ता’ तक: राम बहादुर राय को मिला पद्मभूषण सम्मानगाजीपुर. पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है. सम्मानित होने वालों का नाम सामने आते ही उनके व्यक्तित्व और योगदान की चर्चा होने लगी है. इस बार देश के तीसरे सर्वोच्च पुरस्कार पद्म भूषण के लिए देश के चर्चित पत्रकार राम बहादुर राय को चुना गया है. गाजीपुर के सोनाड़ी गांव में जन्मे राम बहादुर राय का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है. छात्र राजनीति से लेकर जेपी आंदोलन, बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और पत्रकारिता तक उन्होंने हर कदम पर अपने विचारों और सिद्धांतों के लिए संघर्ष किया.
BHU में हिंदू शब्द बचाने का आंदोलन
1965 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से ‘हिंदू’ शब्द हटाने की कोशिश हुई. राम बहादुर राय ने इसके विरोध में आंदोलन की अगुवाई की. 44 छात्र नेताओं ने माफी मांगी, राय उन दो छात्रों में से एक थे, जिन्होंने माफी से इनकार किया. यह घटना उनकी विचारधारा और दृढ़ निश्चय को दर्शाती है.
जेपी आंदोलन
1974 के जेपी आंदोलन में उनकी भूमिका निर्णायक रही. वे संचालन समिति के सदस्य रहे. राम बहादुर राय ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भी सक्रिय भूमिका निभाई. 1979 में उन्होंने पत्रकारिता की राह पकड़ी और दिल्ली में ‘जनसत्ता’ के साथ उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की. उनकी सशक्त लेखनी ने उन्हें 1991 में ‘जनसत्ता’ का संपादक बना दिया. प्रभाष जोशी और राजेंद्र माथुर जैसे दिग्गज संपादक उनकी लेखनी की गहराई और सच्चाई की तारीफ करते नहीं थकते थे.
लेखन और पद्म भूषण
राम बहादुर राय ने न सिर्फ पत्रकारिता में, बल्कि लेखन में भी अपनी पहचान बनाई. उनकी लिखी किताबें चर्चित किताबें हैं, ‘रहबरी के सवाल’, ‘मंजिल से ज्यादा सफर’, और ‘शाश्वत विद्रोही’. ये उनके विचारों और संघर्षों का दस्तावेज हैं. 2015 में उन्हें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. शनिवार को उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित करने का ऐलान किया गया.
Location :Ghazipur,Uttar PradeshFirst Published :January 26, 2025, 22:34 ISThomeuttar-pradeshजानें पद्म भूषण पाने वाले इस चर्चित पत्रकार का ‘हिंदू’ शब्द बचाने का आंदोलन