पौधारोपण के लिए पंचायती राज विभाग की अनोखी मुहिम, इस शहर में बसाए जा रहे ‘एक बाग मां के नाम’

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पौधारोपण के लिए पंचायती राज विभाग की अनोखी मुहिम, इस शहर में बसाए जा रहे 'एक बाग मां के नाम'

विशाल भटनागर/मेरठ: यूपी में मानसून के दौरान वन विभाग के साथ विभिन्न विभाग एवं सामाजिक संस्थाएं पौधारोपण के अभियान में भाग लेते हुए हुए नजर आते हैं. इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ की मुहिम चर्चा का विषय बनी हुई है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में पंचायत राज विभाग द्वारा भी एक विशेष मुहिम की शुरूआत की गई है.

इस अभियान की भी हर कोई प्रशंसा करते हुए नजर आ रहा है. दरअसल, इसमें पंचायती राज विभाग द्वारा एक पेड़ नहीं बल्कि गांव में पूरा ‘एक बाग ही मां के नाम’ से बसाया जा रहा है. जिसकी देखभाल के लिए भी विशेष तौर पर एक टीम तैनात की गई है.

जिला पंचायती राज अधिकारी ने बतायाजिला पंचायती राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश शासन के दिशा निर्देश के अनुसार पंचायती राज विभाग भी पौधारोपण अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है.

इस कड़ी में मेरठ पंचायती राज विभाग द्वारा एक खास मैसेज देने के लिए ‘एक बाग मां के नाम’ से लगाना शुरू किया है. जिसमें कि अब तक 6 ब्लाकों में 6 ऐसे स्थान पर मां के नाम से बाग पौधे लगाए जा चुके हैं. जिसकी देखभाल के लिए माली सहित विभिन्न प्रकार के जो कर्मचारी हैं. उनकी ड्यूटी लगाई गई है. ताकि पर्यावरण को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें.

इन पौधों पर दिया जा रहा है विशेष ध्यानरेनू श्रीवास्तव ने कहा कि औषधि पेड़ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. ऐसे में जो ग्रामीण क्षेत्रों में यह एक बाग मां के नाम से बसाएं जा रहे हैं. इसमें औषधीय पौधों को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है. जिसमें नीम, सहजन, अर्जुन, आबला, सहित जो भी औषधि पौधे हैं, उन्हें लगाया जाता है, ताकि जब यह पौधे पेड़ का आकार लें तो विभिन्न प्रकार की बीमारियों में जिस तरीके से इनका उपयोग किया जा सकता है. उपयोग करते हुए लोग स्वस्थ भी रहें. साथ ही पर्यावरण को संरक्षित करने में भी इन पेड़ों की एवं भूमिका मानी जाती है. इसीलिए इन्हें प्राथमिकता दी जा रही है.

 गांव के लोग दिखा रहे खास रुचिरेनू श्रीवास्तव की मानें तो ग्राम प्रधान और गांव वालों में भी इसके प्रति खास लगन देखी जा रही है. क्योंकि इसे मां से जोड़ दिया गया है. ऐसे में लोग उनकी देखभाल करने के लिए भी आगे आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि ग्राम समाज से संबंधित जो जमीन थी जो कहीं ना कहीं, उपयोग में नहीं थी. उन जमीनों को ही उपयोगी बनाते हुए इस तरीके से बाग बसाए जा रहे हैं जो प्राथमिकता के तौर पर सभी ब्लॉकों में एक-एक बाग बनाने की योजना है. बता दें कि इस मुहिम की मेरठ में काफी चर्चा देखने को मिल रही है. क्योंकि अभी तक सिर्फ मेरठ में ही इस तरीके से एक बाग मां के नाम से बसाने की योजना शुरू की गई है.
Tags: Local18, Meerut newsFIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 11:14 IST

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