Pakode khane ke nuksan ayurveda expert explain how to eat fritter in monsoon without side effects | मॉनसून में पकोड़े का स्वाद बिगाड़ देगा सहेत, आयुर्वेद एक्सपर्ट ने बताया कारण और बचाव के उपाय

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Pakode khane ke nuksan ayurveda expert explain how to eat fritter in monsoon without side effects | मॉनसून में पकोड़े का स्वाद बिगाड़ देगा सहेत, आयुर्वेद एक्सपर्ट ने बताया कारण और बचाव के उपाय



बारिश के मौसम में चाय के साथ गरमा गरम पकोड़े खाने के मजे का कोई तोड़ नहीं है. आमतौर पर घरों में अक्सर बरसात शुरू होने के साथ ही पकोड़े बनाने की तैयारी भी शुरू हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं, ये स्वादिष्ट पकोड़े आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं.
आयुर्वेदाचार्य डॉ अभिषेक बताते हैं कि गर्मी के कारण शरीर की अग्नि कमजोर हो जाती है जो वर्षा ऋतु में भी इसी अवस्था में रहती है, साथ ही वर्षा के समय में हुई बारिश के कारण मौसम में एसिडिटी बढ़ जाती है. जिससे प्रत्येक तरह का आहार और पानी भी अम्लीय प्रभाव का हो जाता है. ऐसे में यदि आप भी बारिश में खूब पकोड़े खाते हैं तो पहले यहां बताए गए नुकसान और बचाव  के उपायों का जान लें.
बारिश के मौसम में क्यों नहीं पकोड़े
अग्नि का कमजोर होना
आयुर्वेद के अनुसार, मानसून में शरीर की अग्नि कमजोर हो जाती है. यह अग्नि ही भोजन को पचाने के लिए जिम्मेदार होती है. जब अग्नि कमजोर होती है, तो तले हुए भोजन जैसे पकोड़े को पचाने में कठिनाई होती है, जिसके परिणामस्वरूप अपच, जलन और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
बैक्टीरिया का प्रकोप
मानसून में नमी और गर्मी के कारण बैक्टीरिया, वायरस और फंगस तेजी से बढ़ते हैं. खराब साफ-सफाई या दूषित पानी के कारण ये बैक्टीरिया पकोड़े में प्रवेश कर सकते हैं और खाद्य विषाक्तता का कारण बन सकते हैं.
पोषक तत्वों की कमी
पकोड़े में तेल की मात्रा अधिक होती है और पोषक तत्वों की कमी होती है. नियमित रूप से पकोड़े खाने से मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
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ऐसे बनाएं हेल्दी पकोड़े
पकोड़े को तलने के लिए यदि आप ए2घी का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे होने वाली समस्याओं का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है. इस बात का ध्यान रखें कि बारिश के मौसम में बाहर से कोई भी तली-भुनी चीजें ना खाएं.
क्या होता है ए2 घी?
आयुर्वेद में देसी घी को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है. ए2 घी, जो भारतीय नस्ल की गायों के दूध से बना होता है. इसमें ए2 कैसिइन प्रोटीन पाया जाता है, जो मानव शरीर के लिए अधिक आसानी से पचने योग्य होता है. इसके अलावा ए2 घी में विटामिन, खनिज और संतृप्त वसा होते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 
 



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