मुंबई: चेन्नई सुपर किंग्स के हेड कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ अपनी टीम के आईपीएल मैच के दौरान ओस की तुलना नियाग्रा झरने से करते हुए 19वां ओवर किसी स्पिनर के बजाय शिवम दुबे को सौंपने के फैसले को सही करार दिया है. लखनऊ सुपरजायंट्स ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 6 विकेट से धमाकेदार जीत दर्ज की. चेन्नई सुपर किंग्स की टीम 210 रन का बड़ा स्कोर बनाने के बावजूद ओस के कारण मैच हार गई. लखनऊ सुपर जायंट्स ने 19.3 ओवर में ही 211 रन बनाकर 6 विकेट से मैच जीत लिया.
‘ओस ऐसे गिर रही थी जैसे झरने से पानी’
लखनऊ सुपरजायंट्स को अंतिम 12 गेंदों पर 34 रन की जरूरत थी. चेन्नई के कप्तान रविंद्र जडेजा ने 19वां ओवर शिवम दुबे को सौंपा जिस पर ‘मैन ऑफ द मैच’ एविन लेविस और आयुष बडोनी ने मिलकर 25 रन बनाए. इससे लखनऊ सुपरजायंट्स को आखिरी ओवर में जीत के लिए केवल 9 रन चाहिए थे जो उसने तीन गेंद शेष रहते हुए बना दिए.
CSK की हार के बाद इस दिग्गज ने निकाली अपनी भड़ास
फ्लेमिंग ने मैच के बाद कहा, ‘यदि आप पहले की स्थिति पर गौर करो तो स्पिन विकल्प को नहीं आजमाया जा सकता था, क्योंकि जहां तक नमी का सवाल है तो वह नियाग्रा झरने जैसी थी और उन्होंने (लखनऊ) ने अच्छा खेल दिखाया.’ लखनऊ सुपरजायंट्स ने कहा, ‘ओस बहुत गिर रही थी और ऐसे में स्पिनरों के लिए गेंद पर ग्रिप बनाना बहुत मुश्किल हो रहा था. ऐसी स्थिति में उनके लिए प्रभाव छोड़ना आसान नहीं था. हमने पहले ही उनसे एक ओवर कम करवाया था, लेकिन उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया.’
दुबे को गेंद सौंपना सही निर्णय
फ्लेमिंग ने कहा, ‘हम जानते थे कि हमें बीच में कहीं पर यह ओवर पूरा करना होगा. हमें उम्मीद थी कि आखिर में हमारे पास पर्याप्त रन रहेंगे और हम किसी से यह ओवर करवाएंगे.’ जडेजा ने दो ओवर में 21 जबकि मोईन अली ने एक ओवर में 14 रन दिए थे, जिससे चेन्नई को मध्यम गति के गेंदबाज दुबे को गेंद सौंपनी पड़ी थी. फ्लेमिंग ने कहा, ‘उन्होंने मैदान पर यह फैसला किया कि किसी स्पिनर की बजाय दुबे को गेंद सौंपी जाए और यह सही निर्णय था.’
गेंद और आउटफील्ड बहुत गीली थी
लखनऊ के सामने 211 रन का लक्ष्य था. केएल राहुल (40) और क्विंटन डि कॉक (61) की बदौलत उसने पहले 10 ओवर में 99 रन जोड़े. ओस बहुत पड़ रही थी और ऐसे में फ्लेमिंग ने नई गेंद संभालने वाले तुषार देशपांडे और मुकेश चौधरी की प्रशंसा की. फ्लेमिंग ने कहा, ‘हमने कुछ युवा खिलाड़ियों को आजमाया. मुकेश पहली बार खेल रहे थे, देशपांडे ने पहले कुछ मैच खेले हैं, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो गेंदबाजी करना मुश्किल था. गेंद और आउटफील्ड बहुत गीली थी.’