OPINION: बच्चा चोरी की अफवाह साजिश या सनक?

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OPINION: बच्चा चोरी की अफवाह साजिश या सनक?



नई दिल्ली. एक पुरानी कहावत है कि जब तक सच जूते पहनता है, उतनी देर में झूठ आधी दुनिया के चक्कर लगा चुका होता है. इन दिनों भी कुछ ऐसा ही हो रहा है, जब तक झूठ या अफवाह की सच्चाई सामने आती है, बच्चा चोरी के शक में भीड़ कई बेगुनाहों की पिटाई कर चुकी होती है. ये किसी एक राज्य या एक जिले की बात नहीं है बल्कि 5 से ज्यादा राज्यों के करीब 50 से ज्यादा ज़िलों में बच्चा चोरी की अफवाह जंगल की आग की तरह फैल रही है और बेगुनाह भीड़ के गुस्से का शिकार बन रहे हैं.
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में बच्चा चोरी की अफवाह की वजह से लोगों में इस कदर डर बैठ गया है कि लोग कानून तोड़ने में जरा भी हिचक नहीं रहे हैं. हैरानी की बात तो ये कि कई मामलों में सगे मां-बाप को भी अपने ही बच्चे की चोरी के शक में भीड़ के गुस्से का शिकार होना पड़ा.
अफवाह पर पिट गए मां–बापउत्तर प्रदेश के पीलीभीत की ही घटना को लीजिए, बाइक सवार एक दंपति अपनी मानसिक तौर पर बीमार बेटी को डॉक्टर के पास लेकर जा रहा था. लोगों की भीड़ ने बिना कुछ जाने पूछे दोनों की पिटाई कर दी. बाद में पुलिस ने जब पूछताछ की तो पता चला कि दंपति अपनी बेटी को ही लेकर जा रहा था. इसी तरह औरैया के दिबियापुर में बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने एक साधु की बुरी तरह पिटाई कर दी. हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने एक्शन लिया. केस दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. लेकिन बावजूद इसके ऐसी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं.
मोबाइल टावरकर्मी की भीड ने कर दी पिटाईकासगंज में तो एक मोबाइल टावरकर्मी की भीड़ ने नाम सिर्फ पिटाई की बल्कि उसकी कार तक पलट दी. बिजनौर में सैकड़ों गांव वालों ने एक महिला को सिर्फ इस शक में पकड़ लिया कि वो गांव में खेल रहे बच्चों के पास चली गई थी. लोगों को लगा कि ये भी बच्चा चोर है.
उत्तराखंड भी नहीं रहा अछूताबच्चा चोरी की अफवाह से उत्तराखंड भी अछूता नहीं है, उधमसिंहनगर के सुल्तानपुर पट्टी में स्कूली छात्रों ने एक युवक को बच्चा चोर होने के शक में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर युवक को छात्रों के चंगुल से छुड़ाया और पुलिस के हवाले कर दिया. उत्तर प्रदेश हो या फिर उत्तराखंड या बिहार, हर जगह ऐसी घटनाओं के पीछे की मूल वजह है बच्चा चोरी की अफवाह.
क्यों और कैसे फैल रही है अफवाह? यहां हमें ये समझना होगा कि आखिर एक साथ कई राज्यों में और शहर दर शहर एक ही तरह की घटनाएं हो क्यों रही हैं? बच्चा चोरी की ये अफवाह फैल कैसे रही है? दरअसल, सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सअप पर बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने का दावा करने वाले वीडियो या फोटोग्राफ या लिखित संदेश वायरल हो रहे हैं. वायरल मैसेज में अलग-अलग तरह के दावे किए जा रहे हैं, जैसे बच्चा चोर गिरोह बच्चों को बेचता है. गिरोह बच्चों की हत्या कर उनके अंगों को बेच देता है. कई संदेश तो ऐसे भी हैं जिनमें बच्चों से भीख मंगवाने का दावा किया जाता है. अफवाह फैलाने वाले इन संदेशों का असर ये हुआ है कि एक तो लोग खुद बेहद डर गए हैं और दूसरा हर अंजान व्यक्ति को बच्चा चोर की नजर से देखने लगे हैं.
अब तक एक्शन अफवाह पर मारपीट की ये घटनाएं सिर्फ कुछ उदाहरण भर हैं. अकेले उत्तर प्रदेश में 25 से ज्यादा जिलों में अफवाह पर भीड़ द्वारा मारपीट के मामले सामने आ चुके हैं. पुलिस ने 15 से ज्यादा FIR दर्ज कर अब तक 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ऐसी घटनाओं को लिंचिंग की श्रेणी में रखती है. अफवाह पर मारपीट करने वालों के खिलाफ एक्शन का ये सिलसिला लगातार जारी है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी की ओर से सभी जिलों के एसपी, एसएसपी और पुलिस कमिश्वरों को जारी निर्देश में भीड़ की हिंसा से सख्ती से निपटने और मारपीट करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
अफवाह के खिलाफ जागरुकता जरूरी
अफवाहबाज़ों और मारपीट करने वालों के खिलाफ एक्शन के अलावा पुलिस महकमा लोगों को जागरूक करने में भी जुटा है. एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार का कहना है कि ऐसी घटनाओं के पीछे कोई साज़िश नहीं है, बल्कि कोरी अफवाह की वजह से ऐसी घटनाएं हो रही हैं, ठीक वैसी ही अफवाह जैसी मुंहनोचवा या चोटीकटवा को लेकर वर्षों पहले फैली थी.
पुलिस और प्रशासन की ओर से लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देने और सोशल मीडिया पर अफवाह वाले मैसेज फॉरवर्ड ना करने की अपील की जा रही है. स्थानीय पुलिस ग्राम समितियों, पीस कमेटी के सदस्यों, गांव के चौकीदारों, गांव के अमनपसंद प्रभावशाली लोगों की मदद ले रही है. डिजिटल वॉलेंटियर्स भी अफवाहों के खिलाफ लोगों को समझा-बुझा रहे हैं. इनके अलावा कई इलाकों में तो पुलिस की गाड़ियों से अफवाहों को लेकर ऐलान किए जा रहे हैं, ताकि ऐसी घटनाओं पर काबू पाया जा सके.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: UP news, UP policeFIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 18:47 IST



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