Only smokers get lung cancer know 5 myths and facts related to cancer | धूम्रपान करने वालों को ही होता है फेफड़ों का कैंसर? Cancer से जुड़े इन 5 Myths को न समझें सच

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Myth about cancer: कैंसर के कारण होने वाली मौतों से बचने के लिए दो चीजें सबसे जरूरी हैं, एक तो स्वस्थ जीवनशैली और दूसरा शरीर में कोई भी असमानता लगातार बनी हुई है तो उसे नजरअंदाज न करना. कैंसर जब प्राइमरी स्टेज (जिस भाग में विकसित हुआ है, वहीं तक सीमित रहता है) में होता है तो उपचार आसान होता है और जीवित रहने की संभावना भी बढ़ जाती हैं. सेंकेडरी स्टेज में यह मेटास्टैसिस होकर बाकी भागों में भी फैलने लगता है, जिससे उपचार जटिल हो जाता है. मृत्यु का खतरा 90-95 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. भारत में कैंसर के 70-80 प्रतिशत मामले तीसरी व चौथी स्टेज पर सामने आते हैं.
अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, स्टेज-1 में कैंसर ठीक होने की संभावना 95 प्रतिशत तक होती है, जबकि स्टेज-4 में आते-आते स्थिति ठीक होने की संभावना 5 प्रतिशत से भी कम रह जाती है. हालांकि, कैंसर से जुड़ी कुछ गलत धारणाएं भी हैं, जिन्हें लोग सच मानते हैं. आइए जानते हैं कि कैंसर से जुड़े 5 मिथक की सच्चाई जानें.मिथक: कैंसर से बचने के लिए कुछ नहीं किया जा सकता.सच्चाई: यह गलत है. कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से एक-तिहाई धूम्रपान से होती हैं. गलत खानपान, मोटापा और शारीरिक सक्रियता की कमी भी खतरा बढ़ाते हैं.
मिथक: माइक्रोवेव में उपयोग किए जाने वाले लपेटने के प्लास्टिक और बर्तन कैंसर का कारण होते हैं.सच्चाई प्लास्टिक माइक्रोवेव सुरक्षित है, तब कोई खतरा नहीं है. कैंसर करने वाला डाईऑक्सिन केवल तभी निकलता है, जब प्लास्टिक जलता है.
मिथक: आर्टिफिशियल शुगर का सेवन कैंसर का कारण बनता है.सच्चाई: हालांकि अभी शोध जारी हैं, पर कई आर्टिफिशियल शुगर जैसे सैक्केरिन और एस्पार्टम पर कई जगह रोक लगाई गई है. उन्हें ब्लैडर कैंसर का कारक माना गया. 
मिथक: कैंसर के मरीज सामान्य जिंदगी नहीं जी सकते.सच्चाई: कुछ ही कैंसर मरीजों को अस्पताल में रखने की जरूरत होती है. ज्यादातर मरीज कीमोथेरेपी के दौरान पहले की तरह काम कर सकते हैं और यात्रा व जिम पर जा सकते हैं
मिथक: धूम्रपान करने वालों को ही फेफड़ों का कैंसर होता है.सच्चाई: फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित लोगों में करीब 50 प्रतिशत धूम्रपान नहीं करते हैं. वायु प्रदूषण, कैमिकल, लाइफस्टाइल, फेफड़ों से जुड़े रोग भी खतरा बढ़ाते हैं.



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