One tree can cure migraine eye irritation and toothache know magical benefits of shirish tree | माइग्रेन, आंखों की जलन और दांतों का दर्द होगा छूमंतर! इस पेड़ का कमाल जानकर हैरान हो जाएंगे आप

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One tree can cure migraine eye irritation and toothache know magical benefits of shirish tree | माइग्रेन, आंखों की जलन और दांतों का दर्द होगा छूमंतर! इस पेड़ का कमाल जानकर हैरान हो जाएंगे आप



प्रकृति ने हमें अनगिनत उपहार दिए हैं, जिनमें से कई हमारी सेहत के लिए वरदान साबित होते हैं. ऐसा ही एक अद्भुत पेड़ है, जो माइग्रेन, आंखों की जलन और दांतों के दर्द जैसी कई समस्याओं को पल भर में गायब कर सकता है. इस पेड़ के चमत्कारी गुणों को जानकर आप हैरान रह जाएंगे. यह है शिरीष का पेड़.
रात के सन्नाटे में अगर आपको हल्की सी खुशबू महसूस होती है, तो यह शिरीष के फूलों का संकेत है. शिरीष का पेड़ अपने सुंदर और महकते फूलों के लिए जाना जाता है. आयुर्वेद में भी यह काफी उपयोगी होता है. औषधीय गुणों से भरपूर इस पेड़ को अंग्रेजी में ‘लेब्बेक ट्री’ कहा जाता है. इसकी छाल, फूल, बीज, जड़ और पत्तियां सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं.
शिरीष का पेड़ मीडियम साइज का, घना छायादार और तेजी से बढ़ने वाला होता है. इसकी पत्तियां पतझड़ में गिर जाती हैं. इसकी विभिन्न प्रजातियां हैं, जिनमें लाल शिरीष, काला शिरीष और सफेद शिरीष प्रमुख हैं. इस पेड़ की ऊंचाई 16 से 20 मीटर होती है. भारत में शिरीष को केवल एक छायादार वृक्ष के रूप में ही नहीं उगाया जाता, बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण यह आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इस पेड़ के विभिन्न अंगों का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के इलाज में किया जाता है, जो इसे नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) का एक अनमोल खजाना बनाता है.
कौन-कौन की समस्याएं होंगी दूरमाइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए शिरीष की जड़ और फल के रस को नाक में डाला जाता है, जिससे तुरंत आराम मिलता है. शिरीष के पत्तों का रस आंखों में लगाने से आंखों की समस्याओं में लाभ होता है. दांतों की बीमारियों से निजात पाने के लिए शिरीष की जड़ से तैयार काढ़े से कुल्ला करना प्रभावी सिद्ध होता है. इसके अलावा, सांसों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए शिरीष के फूलों का रस और पिप्पली चूर्ण मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है. चर्म रोगों, जैसे खुजली या कुष्ठ में भी शिरीष का तेल लगाने से काफी हद तक राहत मिलती है. इसके अलावा, शिरीष का उपयोग पाचन, कफ और पित्त असंतुलन, बवासीर, ट्यूमर, विष के प्रभावों और यहां तक कि शारीरिक कमजोरी को दूर करने में भी किया जाता है.
मानसिक बीमारी में भी मददगारशिरीष न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है, बल्कि यह मानसिक और तंत्रिका तंत्र के लिए भी लाभकारी हो सकता है. इसके बीज, फूल और पत्ते मनोवैज्ञानिक रोगों जैसे मैनिया, उन्माद और जहर के प्रभावों को भी कंट्रोल करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, शिरीष के प्रयोग से शरीर में शुद्धि और शक्ति का कम्युनिकेशन होता है.
शिरीष के नुकसानजहां शिरीष के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, वहीं इसके ज्यादा इस्तेमाल से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे कि शुगर लेवल का बढ़ना, स्पर्म की कमी, गर्भपात की संभावना और कुछ अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इसलिए, इसे संतुलित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करना चाहिए.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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