One teaspoon of microplastics found inside human brain scientists warn of health consequences | इंसानी दिमाग में एक चम्मच जितना प्लास्टिक! वैज्ञानिकों ने किया सनसनीखेज खुलासा

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One teaspoon of microplastics found inside human brain scientists warn of health consequences | इंसानी दिमाग में एक चम्मच जितना प्लास्टिक! वैज्ञानिकों ने किया सनसनीखेज खुलासा



माइक्रोप्लास्टिक (Microplastics) तेजी से हमारे पर्यावरण में अपनी जगह बना रहे हैं और अब यह मानव शरीर में भी गहराई से प्रवेश कर चुके हैं. हाल ही में नेचर मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि इंसानी दिमाग में एक चम्मच जितनी मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक (MNPs) मौजूद हो सकता है. शोध में पाया गया कि मस्तिष्क के ऊतकों में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा अन्य अंगों जैसे कि लिवर या किडनी की तुलना में 7 से 30 गुना अधिक है.
ब्रेन मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि माइक्रोप्लास्टिक इंसान की सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में आने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन, इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी, मेटाबोलिज्म में असंतुलन, कैंसर का खतरा, ब्रेन के विकास में रुकावट और याददाश्त की समस्या.
दिल और आंतों की बीमारियों का बढ़ता खतराशोधकर्ताओं ने पाया कि माइक्रोप्लास्टिक खून के फ्लो में शामिल होकर दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है. द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों की कैरोटिड आर्टरी में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया, उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा देखा गया. इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने बताया कि इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) से पीड़ित मरीजों के मल में हेल्दी लोगों की तुलना में 1.5 गुना ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक पाया गया.
कैसे करें माइक्रोप्लास्टिक से बचाव?वैज्ञानिकों ने माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क को कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:* प्लास्टिक की बोतलों से बचें: बोतलबंद पानी के बजाय नल का पानी पिएं, अगर वह सुरक्षित है. हाई क्वालिटी वाले वाटर फिल्टर का उपयोग करें.* ताजा और बिना प्रोसेस्ड खाना खाएं: प्रोसेस्ड फूड में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा अधिक होती है. खाने को प्लास्टिक कंटेनर में गर्म करने से बचें.* प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल न करें: बांस, लकड़ी या स्टील के बर्तनों का प्रयोग करें. चाय बैग की जगह स्टील या कांच के इनफ्यूजर का उपयोग करें.* नेचुरल प्रोडक्ट्स का उपयोग करें: माइक्रोबीड्स वाले स्किनकेयर प्रोडक्ट्स से बचें. माइक्रोप्लास्टिक फिल्टर वाला वॉशिंग बैग या मशीन फिल्टर का इस्तेमाल करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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