मंगला तिवारी/मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में होलिका दहन के दिन पुलिस और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई थी. नक्सलियों का एक गुट गांव में होली का पर्व मनानेआया हुआ था. नक्सली एक कच्चे मकान में रुके हुए थे, जहां उनके लिए पकवान तैयार किए जा रहा थे. नक्सलियों के आने की सूचना पुलिस को मिल गई. कई दिनों से नक्सलियों को पकड़ने का इंतजार कर रही पुलिस ने पूरे गांव को पहले चारों तरफ से घेर लिया और नक्सलियों को सरेंडर कहने के लिए कहा. सरेंडर करने के बजाय नक्सली गांव में जाकर छिप गए. होलिका दहन के दिन पूरी रात हुए मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए थे. आज भी लोगों के जेहन में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजती रहती है. हालंकि, आज पूरे गांव की तस्वीर बदल चुकी है.
बता दें कि मिर्जापुर जिले के भवानीपुर गांव में 9 मार्च 2001 को होलिका दहन के दिन लगभग 12 बजे नक्सली भगवानदास के घर पर पहुंच गए. नक्सलियों ने भगवानदास से खाना बनाने के लिए कहा. भगवानदास की पत्नी धनापत्ती ने उनके लिए दाल, चावल, लौकी की सब्जी और रोटी बनाई थी. नक्सलियों के आने की सूचना पुलिस को लग गई . पुलिस ने पूरी तैयारी के साथ भवानीपुर गांव में पहुंचकर चारों तरफ से घेर लिया. नक्सली खाना खा ही रहे थे कि तब तक पुलिस पहुंच गई.
गांव के रिहायशी घरों को बनाया ठिकाना
पुलिस की ओर से सरेंडर के लिए कहने के बाद भी नक्सलियों ने सरेंडर नहीं किया. वह गांव के रियायशी घरों में जाकर छिप गए. पुलिस नक्सलियों की तलाश में एक-एक घर की तलाश करने लगी. गांव के रहने वाले लाल बहादुर ने बताया कि जिस दिन नक्सली आए थे, उस दिन हमारे घर पर मांगलिक कार्यक्रम हो रहा था. पुलिस नक्सलियों की तलाश में हमारे पर पहुंच गई. उन्होंने बताया कि बाहर से रिश्तेदारों के आने की वजह से पुलिस को संदेह हुआ. जिसके बाद उन्होंने सभी को बाहर निकलने के लिए कहा. घर से निकलते वक्त हमारे नाती कल्लू की पैंट नीचे खिसक गई. कल्लू जैसे ही पैंट को ऊपर करने के लिए नीचे झुका कि उसको गोली लग गई.
पूरी रात हुई थी मुठभेड़, गूंजती रही गोलियों की तड़तड़ाहट
भगवानदास की पत्नी धनापत्ती ने बताया कि घर पर पुलिस आने के बाद नक्सली भाग गए. पुलिस गांव के सभी घरों पर जाकर पहले सभी ग्रामीणों को प्रधान के घर पर भेज दिया, जिसके बाद पुलिस और नक्सालियों के बीच मुठभेड़ शुरु हुई. धनापत्ती ने बताया कि पूरी रात गोलियों की तड़तड़ाहट गांव में गूंजती रही. इसमें 16 नक्सली मारे गए. हम लोगों को अगली सुबह घर पर बुलाया गया. लाल बहादुर बताते हैं कि पुलिस नक्सलियों से मुठभेड़ करने के लिए पूरी तैयारी करके आई थी. नक्सलियों द्वारा सरेंडर नहीं करने पर पुलिस से मुठभेड़ हुई.
अब बदल गई है गांव की तस्वीर
कभी नक्सलियों का गढ़ रहे भवानीपुर गांव की तस्वीर अब बदल चुकी है. हथियार की जगह बच्चे किताब पढ़ रहे हैं. अब नक्सलियों की बातें कहानियों में शेष है. गांव के स्कूलों को मॉर्डन बनाया गया है. इसके साथ ही गांव की सड़कों को भी बेहतर रूप दिया गया है. हालांकि आज भी पुलिस होली पर सतर्क रहती है.
.Tags: Hindi news, Holi, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : March 25, 2024, 10:53 IST
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