मेरठ. वेस्ट यूपी के कुख्यात डॉन भूपेंद्र बाफर (Notorious Don Bhupendra Bafar) ने भी राजनीति में प्रवेश किया है. भूपेंद्र बाफर ने भीम आर्मी (Bhim Army) के चीफ चंद्रशेखर (Chandrashekhar Azad) की पार्टी आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) से शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल होते ही भूपेंद्र बाफर इतना खुश हुआ कि उसे गब्बर और अमिताभ बच्चन की कई फिल्में याद आने लगी. बाफर ने कहा कि उससे ज्यादा मुकदमे तो कई राजनीतिज्ञों पर दर्ज है. सिवालखास से चुनाव लड़ रहे बाफर ने अन्य राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशियों पर शाब्दिक हमला बोला।
राजनीति के अपराधीकरण का रंग भी इलेक्शन में देखने को मिल रहा है. मेरठ में नामांकन प्रक्रिया के दौरान नेताओं को अपनी क्रिमिनल हिस्ट्री और संपत्ति का ब्यौरा भी देना पड़ता है. प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के कई खांटी राजनेताओं पर इतने केस दर्ज हैं कि शायद किसी प्रोफेशनल अपराधी पर भी इतने मुकदमे दर्ज नहीं होंगे. समाजवादी पार्टी-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी, भाजपा के प्रत्याशी हों या फिर बसपा के प्रत्याशी हों, जितने भी प्रमुख उम्मीदवार विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के हैं उन पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. अपनी आपराधिक छवि के लिए कुख्यात पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े डॉन रहे भूपेंद्र बाफर ने भी नामांकन कर दिया है. भूपेंद्र ने बातचीत के दौरान बताया कि राजनेताओं से कम मुकदमे उन पर दर्ज हैं जो अपने आप में चौंकाने वाली बात है. भूपेंद्र का कहना है कि वह फिल्मों के शौकीन हैं. अमिताभ बच्चन उनके रोल मॉडल हैं. उनकी फिल्म डॉन से भी ओ प्रभावित है.
कुछ माह पहले ही जमानत पर हुआ है रिहामेरठ की सिवालखास विधानसभा सीट से प्रत्याशी भूपेंद्र बाफर के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खुली हुई है. बैंक में डकैती, पुलिस कस्टडी से अपराधी को छुड़ाना और हत्या जैसे मुकदमे उन पर दर्ज हैं. इन्हें भीम आर्मी के चंद्रशेखर ने अपनी पार्टी से टिकट दिया है. जानी थाने के बाफर गांव निवासी कुख्यात भूपेंद्र बाफर कुछ माह पहले जेल से जमानत पर आया था. उस पर पुलिस कस्टडी से कुख्यात बदमाश रोहित सांडू को छुड़ाने का आरोप था. बतौर पुलिस फाइल, पुलिस कस्टडी से भगाने के बाद रोहित सांडू को भूपेंद्र बाफर ने ही शरण दी थी और उसका उपचार भी कराया था. इसके बाद पुलिस ने 13 जुलाई 2021 को भूपेंद्र बाफर को गिरफ्तार कर लिया था. बाद में बाफर को जमानत मिल गई.
इन संगीन अपराधों में दर्ज हैं मुक़दमेबाफर की जानी थाने में हिस्ट्रीशीट (154 ए) खुली हुई है. पुलिस रिकार्ड के मुताबिक 1985 में बाफर ने अपने साथियों के साथ हैदराबाद में एक बैंक में डकैती और साल 1987 में आंध्र प्रदेश में बैंक लूट में शामिल था. 1991 में मुजफ्फरनगर में हत्या, 1992 में देहरादून में हत्या, 2007 में लिसाड़ीगेट में जानलेवा हमला किया। 2007 में सदर बाजार में हत्या, 2012 में छिपी टैंक के पास केबल कारोबारी की हत्या और 2020 में रोहित सांडू को पुलिस कस्टडी से छुड़वाने समेत 30 से अधिक आपराधिक मुकदमे हैं, जिसमें कई मुकदमों में बाफर बरी भी हुआ है.
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