OMG! A Indian man has 5 kidney rare case in the world surprises everyone | OMG! 5 किडनी वाला इंसान, दुनिया का ये दुर्लभ मामला जानकर हर कोई रह गया हैरान!

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OMG! A Indian man has 5 kidney rare case in the world surprises everyone | OMG! 5 किडनी वाला इंसान, दुनिया का ये दुर्लभ मामला जानकर हर कोई रह गया हैरान!



क्या आपने कभी 5 किडनी वाले इंसान के बारे में सुना है? यह सुनकर आपको आश्चर्य हो सकता है, लेकिन यह सच है. हाल ही में एक ऐसे व्यक्ति का मामला सामने आया है जिसके शरीर में 5 किडनी हैं. यह दुनिया का संभवतः सबसे दुर्लभ मामला है.
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में एक अनोखा और दुर्लभ मामला सामने आया है, जहां 47 वर्षीय वैज्ञानिक देवेंद्र बारलेवार को तीसरी बार किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उनके शरीर में अब कुल पांच किडनी मौजूद हैं, लेकिन उनमें से केवल एक ही काम कर रही है. यह दुर्लभ सर्जरी 9 जनवरी को की गई, जब उन्हें एक ब्रेन-डेड किसान द्वारा दान की गई किडनी प्राप्त हुई.
कितना दुर्लभ मामला?रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत देवेंद्र बारलेवार पिछले कई वर्षों से क्रॉनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे थे. पहली बार 2010 में उनकी मां ने उन्हें किडनी दान की, लेकिन वह सिर्फ एक साल ही ठीक से काम कर पाई. इसके बाद 2012 में उन्हें एक रिश्तेदार से दूसरी किडनी मिली, जिसने 2022 तक ठीक से काम किया. कोविड-19 के कारण उनकी दूसरी ट्रांसप्लांटेड किडनी भी फेल हो गई और उन्हें फिर से डायलिसिस पर जाना पड़ा. तीसरी बार सफल ट्रांसप्लांट होना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा, क्योंकि तीन बार मैचिंग डोनर मिलना बेहद दुर्लभ होता है. यह ऑपरेशन डॉ. अनिल शर्मा, वरिष्ठ सलाहकार और अमृता अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख, द्वारा किया गया.
ऑपरेशन की चुनौतियांइस जटिल सर्जरी को करने के लिए डॉक्टरों को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा.* पहली चुनौती: नई किडनी को सही स्थान पर फिट करना, क्योंकि पहले से ही शरीर में चार किडनी मौजूद थीं.* दूसरी चुनौती: ब्लड वेसल्स का सावधानीपूर्वक उपयोग करना, क्योंकि पहले की ट्रांसप्लांट सर्जरी में इनमें बदलाव किए जा चुके थे.* तीसरी चुनौती: ऑर्गन रिजेक्शन के खतरे को रोकना, क्योंकि लंबे समय से बारलेवार इस बीमारी से जूझ रहे थे.
डॉक्टरों ने इस ट्रांसप्लांट के लिए इम्यूनोसप्रेसिव ट्रीटमेंट (इम्यूनिटी को दबाने वाली दवाएं) और ज्यादा सावधानीपूर्वक सर्जरी प्लानिंग का उपयोग किया. ऑपरेशन सिर्फ चार घंटे में सफलतापूर्वक पूरा हो गया और किडनी ने तुरंत काम करना शुरू कर दिया.
अब कैसी है मरीज की स्थिति?सर्जरी के 10 दिन बाद ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. इस बार उन्हें डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ी, जो अपने आप में बड़ी सफलता मानी जा रही है. बारलेवार का वजन फिलहाल 44 किलो है और उन्हें तीन महीने का आराम करने की सलाह दी गई है. बारलेवार खुद को बेहद भाग्यशाली मानते हैं. उन्होंने कहा कि जब एक किडनी मिलना भी मुश्किल होता है, मुझे तीसरी बार डोनर मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं.



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