शाश्वत सिंह/झांसी : चुनावी साल शुरू होते ही ओल्ड पेंशन स्कीम का मुद्दा फिर जोर पकड़ने लगा है. ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली के मुद्दे को लेकर झांसी में भी रेलवे कर्मचारियों समेत कई संगठन हड़ताल पर बैठ गए हैं. संयुक्त राज्य कर्मचारी परिषद के साथ अन्य कई संगठनों ने 4 दिन के हड़ताल की घोषणा की है. कर्मचारियों की मांग है की पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाए. इन संगठनों का मानना है कि नई पेंशन स्कीम के नाम पर कर्मचारियों को धोखा दिया जा रहा है. मौजूदा सरकार के नेता जब विपक्ष में थे तो वह खुद पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग उठाते थे लेकिन सत्ता में आते ही वह यह सब कुछ भूल गए हैं. अगर मांग नहीं मानी गई तो यह आंदोलन बड़े रूप में बदल सकता है.
हड़ताल पर बैठे एक कर्मचारी ने कहा कि अंग्रेजों के समय में भी कर्मचारियों को पेंशन मिलता था लेकिन अब उसे बंद कर दिया गया है. तनख्वाह का 50% पेंशन के तौर पर मिलता था. लेकिन, सरकार ने इसे बंद कर दिया है. नई पेंशन स्कीम के तहत सरकार शेयर मार्केट में जिन कंपनियों में पैसा लग रही है वह सभी डिफॉल्टर कंपनी है. एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि जितना पैसा सरकार शेयर बाजार में लगा रही है अगर उसका आधा भी कर्मचारियों के खाते में जमा कर दिया जाए तो आखिर में कर्मचारियों को एक सम्मानजनक राशि मिल जाएगी. एक कर्मचारी ने कहा कि सरकार अपने विधायकों और सांसदों की पेंशन तो बंद नहीं करती है. लेकिन, आम कर्मचारियों का पेंशन जरूर बंद कर दिया गया है.
1500 से 2500 तक मिल रही हैं पेंशनहड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि नई पेंशन स्कीम के तहत एक लाख रुपए कमाने वाले कर्मचारियों को 1500 और 2500 रुपए तक पेंशन के रूप में मिल रही है. मौजूदा सरकार जब विपक्ष में थी तो उनके ही नेताओं ने पेंशन की मांग रखी थी. लेकिन, आज जब सरकार में आ गए हैं तो कर्मचारियों के लिए दोहरी नीति अपना रहे हैं. लोगों ने कहा कि अगर पेंशन देने से अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है तो विधायकों और सांसदों की पेंशन भी बंद कर देनी चाहिए. हम किसी पार्टी विशेष से नहीं जुड़े हैं हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए. अगर मांग नहीं मानी गई तो यह आंदोलन एक बड़ा रूप धारण करेगा.
.Tags: Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : January 9, 2024, 22:47 IST
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