Obesity can increase period problems know which women are most at risk | अलर्ट! मोटापा बढ़ा सकता है पीरियड्स की परेशानी, जानिए किन महिलाओं को है सबसे ज्यादा खतरा

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Obesity can increase period problems know which women are most at risk | अलर्ट! मोटापा बढ़ा सकता है पीरियड्स की परेशानी, जानिए किन महिलाओं को है सबसे ज्यादा खतरा



मोटापा न सिर्फ दिल और डायबिटीज जैसी बीमारियों का कारण बनता है, बल्कि महिलाओं के मासिक धर्म (पीरियड्स) को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है. हाल के शोधों में यह साबित हुआ है कि बढ़ता वजन महिलाओं के हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकता है, जिससे पीरियड्स में अनियमितता आ सकती है. आइए जानते हैं कि मोटापा कैसे पीरियड्स की समस्या को बढ़ाता है और किन महिलाओं को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
शरीर में एक्स्ट्रा चर्बी एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल को बढ़ा देती है, जिससे ओव्यूलेशन की प्रक्रिया बाधित होती है. इससे महिलाओं में कई तरह की पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलती हैं, जैसे:* अनियमित पीरियड्स (Oligomenorrhea)- पीरियड्स का समय पर न आना या लंबे अंतराल पर आना.* ज्यादा ब्लीडिंग (Menorrhagia)- सामान्य से अधिक और दर्दनाक ब्लीडिंग.* पीरियड्स का रुक जाना (Amenorrhea)- कई महीनों तक पीरियड्स न होना.
विशेषज्ञों के अनुसार, मोटापे के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे न केवल पीरियड्स प्रभावित होते हैं, बल्कि फर्टिलिटी पर भी गलत असर पड़ता है,
PCOS का बढ़ता खतरादिल्ली स्थित सीके बिड़ला अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख कंसल्टेंट डॉ. त्रिप्ति रहेजा बताती हैं कि  मोटापा, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी समस्या को भी जन्म देता है. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का लेवल बढ़ जाता है. इससे निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:* मासिक धर्म का अनियमित होना या रुक जाना.* चेहरे पर अनचाहे बालों की वृद्धि.* मुहांसे (Acne) और ऑयली त्वचा.* गर्भधारण में कठिनाई.
एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरामोटापा बढ़ने से एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया की संभावना भी बढ़ जाती है. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भाशय की दीवार मोटी हो जाती है. समय पर इलाज न मिलने पर यह समस्या एंडोमेट्रियल कैंसर में बदल सकती है.
किन महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा?* जिनका BMI (बॉडी मास इंडेक्स) 30 या उससे अधिक है.* जो महिलाएं शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं.* जिनमें पहले से ही PCOS या थायरॉयड जैसी हार्मोनल समस्याएं हैं.* ज्यादा फैटीऔर प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने वाली महिलाएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 



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