दुनियाभर में स्ट्रोक से मरने वालों की संख्या अगले तीन दशक में प्रतिवर्ष एक करोड़ होने का अनुमान है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, अगर इस पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो इसकी वार्षिक लागत 2-3 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगा.
यह अध्ययन लैंसेट न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है. शोध में वर्ष 2020 और 2050 के बीच स्ट्रोक से बढ़ते स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभावों का अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि इससे निम्न और मध्य आय वाले देश खासे प्रभावित होंगे.रिपोर्ट के अनुसार, स्ट्रोक से होने वाली मौतें 2020 में 6-6 मिलियन से बढ़कर 2050 तक 9.7 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. अनुमान के अनुसार, अगले तीन दशक में एलएमआईसी में स्ट्रोक से होने वाली मौतों का योगदार 86% से बढ़कर 91% हो जाएगा. शोधकर्ताओं के मुताबिक, पिछले 30 वर्षों में विश्व स्तर पर स्ट्रोक से पीड़ित, मरने वाले या इस स्थिति के कारण विकलांग बने रहने वाले लोगों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है.
स्ट्रोक के लक्षणस्ट्रोक दिमाग में खून के फ्लो में बाधा के कारण होता है, जिससे दिमाग के सेल्स को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों नहीं मिल पाते. स्ट्रोक के लक्षण अचानक दिखाई देते हैं और गंभीर हो सकते हैं. स्ट्रोक के कुछ सामान्य लक्षण हैं– चेहरे के एक हिस्से में सुन्नता या कमजोरी- एक हाथ या पैर में सुन्नता या कमजोरी- बोलने में कठिनाई या समझने में कठिनाई- दृष्टि में अचानक बदलाव- सिरदर्द- समन्वय या संतुलन में समस्या- घबराहट या भ्रम
स्ट्रोक के रिस्क फैक्टर- हाई ब्लड प्रेशर- डायबिटीज- कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल- धूम्रपान- अत्यधिक शराब का सेवन- असामान्य दिल की धड़कन- पारिवारिक इतिहास
स्ट्रोक से बचाव- अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखें- अपने शुगर लेवल को नियंत्रण में रखें- अपने कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रण में रखें- धूम्रपान छोड़ दें- अत्यधिक शराब का सेवन न करें- एक स्वस्थ आहार खाएं- नियमित रूप से व्यायाम करें- तनाव को मैनेज करें
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