नशा और सोशल मीडिया युवाओं को बना रहा हिंसक! बच्‍चे में दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान! जानें एक्सपर्ट की राय

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नशा और सोशल मीडिया युवाओं को बना रहा हिंसक! बच्‍चे में दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान! जानें एक्सपर्ट की राय



अखंड प्रताप सिंह/कानपुर. आजकल युवा पीढ़ी के अंदर हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. कानपुर में बीते दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए, जहां मामूली बातों को लेकर लोगों में बेहद हिंसात्मक प्रवृत्ति दिखी. इन मामलों को लेकर कानपुर के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर धनंजय चौधरी का कहना है कि इसके पीछे की मुख्य वजह सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल और नशा है.

आजकल युवा छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित हो जाते हैं और हिंसात्मक काम करने लगते हैं. कानपुर में बीते महीने कई बड़े मामले सामने आए हैं. इसमें एक चर्चित मामला स्कूल के छात्र द्वारा अपने शिक्षक के ऊपर देसी कट्टे से फायर करने का है. इसके अलावा भी कई बार मामूली बात ने बड़ा रूप ले लिया. वहीं, इसी साल अप्रैल में मामले कहासुनी के बाद एक छात्र की दूसरे छात्र ने न सिर्फ हत्‍या कर दी थी बल्कि आरोपी उसके टुकड़े करने की फिराक में थे.

सोशल मीडिया की ‘लत’ का शिकार ‘यंग इंडिया’इन मामलों को देखते हुए कानपुर के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर धनंजय चौधरी ने बताया कि आजकल का युवा कम उम्र में अधिक चीज हासिल करना चाहता है. उसका दिमाग सकारात्मक चीजों की वजह नकारात्मक चीजों की ओर ज्यादा बढ़ रहा है. जिसकी नशा मुख्य वजह है. आजकल युवा पीढ़ी नशे की लती होती जा रही है. जिस वजह से उसके अंदर सोचने समझने की क्षमता कम हो रही है. इसके साथ ही आजकल लोग सोशल मीडिया पर ज्यादा समय देते हैं. सोशल मीडिया पर तरह-तरह के हिंसात्मक वीडियो देखते हैं. जिस वजह से उनकी सोच सकरी होती जा रही है. वह अधिक हिंसात्मक होते जा रहे हैं.

नशे की प्रवृत्ति बच्चों को गुस्सैल बना रहीजीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग के डॉक्टर धनंजय चौधरी ने बताया कि नशे की प्रवृत्ति बच्चों को गुस्सैल बना रही है. इसके साथ ही लोगों की जीवन शैली भी बदल रही है. जिसका असर उनके स्वभाव पर पढ़ रहा है और वह हिंसात्मक प्रवृत्ति के हो रहे हैं. वहीं, जिस संगत में वह रहते हैं उसका भी प्रभाव उन पर पड़ता है. इन सबसे बचने के लिए मेडिटेशन करना बेहद जरूरी है. अगर आपको भी लग रहा है कि आपके बच्चे अधिक उत्तेजित हो रहे हैं और छोटी-छोटी बातों पर हिंसात्मक रवैया अपनाते हैं, तो आपको उनके अंदर पॉजिटिविटी भरनी चाहिए. उन्हें मेडिटेशन की ओर बढ़ना चाहिए, ताकि उनके स्वभाव में बदलाव हो और वह नकारात्मक सोच से बाहर निकाल कर सकारात्मक सोच की ओर बढ़ें.
.Tags: Drug, Health News, Kanpur news, Local18, Social mediaFIRST PUBLISHED : November 10, 2023, 09:51 IST



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