विशाल झा/गाजियाबाद:‘सड़क पर चलने वाली मौत, पी कर गाड़ी चलाने वाले, इनको कड़ी से कड़ी सजा दो, इतनी तेज दौड़ाते है की किसी की जान ले ले, इनका लाइसेंस जब्त हो जाना चाहिए ‘….. क्या एक ट्रक ड्राइवर के बारे में आप भी यही सब सोचते है. अगर हां तो News 18 Local की आज की इस कहानी को पढ़ने के बाद आपकी सोच बदल जाएगी.
आपने अक्सर ट्रक के पीछे कई सारे संदेश लिखें देखे होंगे. जैसे बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला, हस मत पगली प्यार हो जाएगा और देखो मगर प्यार से आदि. पर क्या आप कभी ट्रक ड्राइवर को प्यार की नजरों से देखते हैं?.. जवाब नहीं होगा क्योंकि छवि ही ऐसी बनी है कि वो तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते है. वो अक्सर नशे में ड्राइव करते है. बस इसी छवि को बदलने का काम कर रहें है हिमांशु गुप्ता.
ट्रक ड्राइवर को बचाना जरुरी1977 में चंडीगढ़ में जन्मे हिमांशु गुप्ता ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. लेकिन हमेशा से ही लोगों को न्याय दिलाने के लिए वो कोशिश करते रहते थे.जिसके बाद वर्ष 2017 में लॉयड नाम की कानूनी सलाह देने वाली कंपनी खोली. जिसका मकसद था आम जनता को उनके कानूनी अधिकार के बारे में जागरूक करना.
पूरे देश भर में वकीलों की मौजूदगी बनाई गईकुछ वर्ष बीतने के लॉयड कंपनी द्वारा लॉट्स ( लॉयर ऑन द स्पॉट ) पहल को शुरू किया गया. जिसका मकसद था ऐसे ट्रांसपोर्टर्स के बीच पहुंचने का जिनको अक्सर कानूनी जानकारी न होने के कारण पीड़ित होना पड़ता था. इनमें सबसे बड़ी संख्या ट्रक ड्राइवर की थी. ऐसे में लॉट्स के द्वारा इन ट्रक ड्राइवर के पास पूरे देश भर में वकीलों की मौजूदगी बनाई गई. लॉट्स के द्वारा अब तक ट्रांसपोर्टेशन इंडस्ट्री का 34 करोड़ से ज्यादा रुपये को बचा लिया गया है. इसके साथ ही 21 हजार से ज्यादा मामले सुलझा लिए गए है. करीब 250 हजार से भी ज्यादा ट्रक ड्राइवर अभी लॉट्स से जुड़े हुए है.
किस तरीके के मामले आते है सामनेएक ट्रक ड्राइवर को विभिन्न राज्यों की सीमा पर कई तरीके की परेशानी होती है. जैसे की कानूनी जानकारी ना होने के कारण कई बार उनसे मोटी रिश्वत ली जाती है. कई बार ट्रक को रोक लिया जाता है और ट्रक ड्राइवर के घंटों खराब किए जाते है. देश में ट्रक ड्राइवर उत्पीड़न के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश के है, फिर महाराष्ट्र फिर उत्तरप्रदेश. जिनमे अधिकतर मामले चालान से जुड़े हुए है.
‘Talk to My Lawyer’लॉयड के संस्थापक हिमांशु ने बताया की अब देश का ड्राइवर भी गर्व से कह पाता है की ‘Talk to My Lawyer’. ये संकेत करता है एक बदलाव की तरफ. ट्रक ड्राइवर की समस्या को मजबूती से सुनने के लिए लॉयड ने ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (आईटवा ) का भी सहयोग लिया.
देखो मगर प्यार से अभियानलॉयड द्वारा देखो मगर प्यार से अभियान चलाया गया. जिसमें ट्रक ड्राइवर के बारे में जो समाज में नकारात्मक सोच फैली हुई है. उसकों खत्म करने की कोशिश की गई. ट्रक ड्राइवर से भी उनके चुनौतियों के बारे में समझा गया.
पुलिस वाले भी लेते है, बॉर्डर वाले भी लेते है…कानपुर के रहने वाले ट्रक ड्राइवर राजीव कुमार सैनी बताते है की उनके पास दो गाड़ी है. राजीव कानपुर से भोपाल के बीच गाड़ी चलाते है. जिसमें पुलिस वाले परेशान करते है, आरटीओ परेशान करते और टीआई – बॉर्डर वाले अलग. राजीव कहते है गाड़ी के पेपर, टायर और सारे नियमों से चलने के बावजूद भी एक ड्राइवर को परेशान किया जाता है. अक्सर फास्ट कार्ड लगा होने के बावजूद भी टोल पर कैश डिमांड ही की जाती है जो गलत है.
वकील की जरुरत होने पर वकील भी दिया जातालॉट्स अभियान में ट्रक ड्राइवर से सालाना 999 रुपये की मेंबरशिप ली जाती है. जिसमें उन्हें एक साल तक कानूनी सहायता दी जाती है. वकील की जरुरत होने पर वकील भी दिया जाता है. हिमांशु बताते है लॉयड में अभी करीब देश भर से 55 हजार से ज्यादा वकील जुड़े हुए है. जो लोगों की मदद कर रहें है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ghaziabad News, Truck driver, UP newsFIRST PUBLISHED : April 27, 2023, 15:58 IST
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